Edited By Khushi, Updated: 31 May, 2024 12:01 PM
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झारखंड में भीषण गर्मी के चलते 3 हजार चमगादड़ों की झुलसकर मौत हो गई है। आलम यह है कि कई चमगादड़ पेड़ पर लटके अवस्था में ही मर चुके हैं। ग्रामीणों की मानें तो 2 दिनों में इनकी मौत की तादाद में काफी इजाफा हुआ है।
Ranchi: झारखंड में भीषण गर्मी के चलते 3 हजार चमगादड़ों की झुलसकर मौत हो गई है। आलम यह है कि कई चमगादड़ पेड़ पर लटके अवस्था में ही मर चुके हैं। ग्रामीणों की मानें तो 2 दिनों में इनकी मौत की तादाद में काफी इजाफा हुआ है।
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बताया जा रहा है कि गढ़वा के सुंडीपुर गांव में ग्रामीणों ने मरे हुए चमगादड़ खा लिए हैं। मरे हुए चमगादड़ खाने के बाद ग्रामीणों को महामारी की चिंता सताने लगी है, जिसके बाद गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चमगादड़ खाने वाले 27 लोगों की जांच की। सभी ठीक बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम चमगादड़ खाने वाले लोगों को आइसोलेट कर सकती है।
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विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी के बाद पाठक टोला के ग्रामीण पेड़ व आसपास के क्षेत्रों में तापमान को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव कर रहे हैं। युवकों की टोली इन चमगादड़ों को बचाने में जुटी हुई है। जीव विज्ञानी सह पर्यावरणविद डा. मुरारी सिंह कहते हैं कि चमगादड़ों के पंख नहीं झिल्ली होती है। वे अधिक तापमान नहीं सह पाते हैं। उन स्थानों पर चमगादड़ों की मौत हो रही जहां जल स्रोत नहीं है। उन्होंने बताया कि चमगादड़ गर्मी दूर करने के लिए झील में गोता लगा लेते हैं, जिससे इनके शरीर का तापमान कम हो जाता है।