Edited By Khushi, Updated: 01 Mar, 2025 12:00 PM
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रांची: उत्तराखंड के चमोली जिला स्थित सीमांत गांव माणा के पास ऊंचाई वाले क्षेत्र में बीते शुक्रवार को हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे श्रमिकों में झारखंड के भी मजदूर शामिल हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, झारखंड के श्रमिकों की सटीक संख्या की...
रांची: उत्तराखंड के चमोली जिला स्थित सीमांत गांव माणा के पास ऊंचाई वाले क्षेत्र में बीते शुक्रवार को हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे श्रमिकों में झारखंड के भी मजदूर शामिल हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, झारखंड के श्रमिकों की सटीक संख्या की फिलहाल जानकारी नहीं मिली है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तराखंड के चमोली जिले में बीआरओ के अंतर्गत काम कर रहे कई श्रमिकों के हिमस्खलन की चपेट में आने की सूचना मिली है।'' श्रमिक चमोली जिले में माणा गांव के निकट बर्फ हटा रहे थे, तभी वे हिमस्खलन की चपेट में आ गए। बदरीनाथ से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माणा, भारत-तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है, जो 3,200 मीटर की ऊंचाई पर है।
सोरेन ने कहा, ‘‘प्राप्त जानकारी के अनुसार बीआरओ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और अन्य द्वारा राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं मरांग बुरु (आदिवासियों के देवता) से इस हादसे की चपेट में आये सभी श्रमिकों के सकुशल होने की कामना करता हूं।'' संपर्क किये जाने पर झारखंड के श्रम आयुक्त संजीव बेसरा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अभी टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं। हिमस्खलन के कारण 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे, जिनमें से 16 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।