Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Oct, 2025 02:13 PM

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रविवार को सीट का बंटवारा अंतिम रूप से तय कर लिया, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता...
Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रविवार को सीट का बंटवारा अंतिम रूप से तय कर लिया, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेगी। शेष सीट छोटे सहयोगी दलों के हिस्से में गई हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (Lok Janshakti Party Ram Vilas) को 29 सीट मिली हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) (Hindustani Awam Morcha) कम से कम 15 सीट की मांग कर रही थी और उसे छह सीट दी गई हैं। राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (Rashtriya Lok Morcha) को भी छह सीट मिली हैं।
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बिहार का चुनावी परिदृश्य हमेशा से गठबंधन की केमिस्ट्री से आकार लेता रहा है। एनडीए का नवीनतम सीट-बंटवारे का फॉर्मूला न केवल सामरिक संतुलन को दर्शाता है, बल्कि चुनावों में दबदबा बनाने की साझा महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता है। जातिगत समीकरणों, क्षेत्रीय निष्ठाओं और विकास के आख्यानों के साथ, गठबंधन की शुरुआती एकजुटता इसकी सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकती है।
चिराग पासवान का मजबूत होता राजनीतिक कद
वहीं, सीटों के बंटवारे में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (Lok Janshakti Party Ram Vilas) को 29 सीट मिली हैं। चिराग की पार्टी का बिहार विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है, ऐसे में एनडीए नेताओं ने चिराग पर इतना विश्वास क्यों दिखाया? जानकार कहते है कि बिहार में दलित वोटबैंक काफी अहम माने जाते हैं, वहां भी बात जब चिराग पासवान की आती है तो उनकी पकड़ दुसाध समुदाय में सबसे ज्यादा है। साथ ही लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) का प्रदर्शन बेहतर रहा था। इन सीटों की बढ़ोतरी से लोजपा का महत्व बढ़ा है।
इस बार बीजेपी और जदयू बराबर
वहीं, बात करें तो वर्ष 2020 में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जदयू ने 115 सीट पर, भाजपा ने 110 सीट पर, मांझी की हम (HAM) ने सात सीटों पर और मुकेश सहनी की वीआईपी (VIP) ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि चिराग पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था। वहीं, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जदयू के बराबर सीटें मिली हैं। 20 साल में जदयू सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है।