करोड़ों का मकान, 30 से 35 बैंक खाते, हर रोज 10 हजार फर्जी कॉल कर करते थे फ्रॉड, सिम बॉक्स साइबर ठगी गिरोह के मुख्य सरगना सहित 6 गिरफ्तार

Edited By Ramanjot, Updated: 22 Jul, 2025 04:18 PM

6 arrested of sim box cyber gang  makes 10 thousand calls every day

इन अपराधियों को सुपौल, वैशाली और अन्य जिलों से हिरासत में लिया गया, जिसमें मुख्य आरोपी हर्षित कुमार को सुपौल जिले के गौसपुर से पकड़ा गया। उसके पास से आठ सिम बॉक्स डिवाइस, सैंकड़ों सिम कार्ड, कई पासबुक, एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। सूत्रों ने...

Cyber Fraud: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की विशेष टीम ने ‘सिम बॉक्स साइबर फ्रॉड' गिरोह के मुख्य सरगना हर्षित कुमार समेत छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक सूत्रो ने बताया कि ईओयू की इस कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए आरोपी सिम बॉक्स तकनीक के माध्यम से देशभर में साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। ये अपराधी इन सिम बॉक्स की मदद से रोज दस हजार फर्जी कॉल कर लोगो के साथ फ्रॉड करते थे। 

कई देशों की यात्रा कर चुका है मुख्य आरोपी 

इन अपराधियों को सुपौल, वैशाली और अन्य जिलों से हिरासत में लिया गया, जिसमें मुख्य आरोपी हर्षित कुमार को सुपौल जिले के गौसपुर से पकड़ा गया। उसके पास से आठ सिम बॉक्स डिवाइस, सैंकड़ों सिम कार्ड, कई पासबुक, एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। सूत्रों ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी हर्षित थाईलैंड, बैंकॉक, चीन, वियतनाम और कंबोडिया सहित कई देशों की यात्रा कर चुका था। उसका मोतिहारी में करोड़ों का मकान है और उसके बैंक खाते में ढाई करोड़ रूपया है। साइबर फ्रॉड के लिए वह 30 से 35 बैंक खातों का उपयोग करता था। सिम बॉक्स गिरोह लोगों के संपर्क में था और टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से सिम बॉक्स चलाने के लिए विदेशों से डिवाइस मंगाता था। 

ईओयू की टीम ने 22 ठिकानों पर की छापेमारी 

यह गिरोह विदेशी वीओआईपी कॉल्स को लोकल जीएसएम कॉल्स में बदलकर भारतीय नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। एक दिन में दस हजार से अधिक फर्जी कॉल किए जाते थे, जिसमें दूरसंचार विभाग को राजस्व की भारी हानि हो रही थी। ईओयू सूत्रों के अनुसार सिम कार्ड की आपूर्ति झारखंड के सुमित शाह और मोहम्मद सुलतान द्वारा की जा रही थी। सुलतान एक कॉमन सर्विस सेंटर का संचालक है और वह फर्जी सरकारी योजनाओं का झांसा देकर ग्रामीणों का बायोमीट्रिक डेटा एकत्रित करता था। साथ ही टेलीकॉम वितरकों से सांठगांठ कर सिम कार्ड जारी करवाता था। इस मामले में ईओयू की टीम ने पटना, मोतिहारी, सुपौल, बैशाली, रोहतास समेत 22 ठिकानों पर छापेमारी की। 

अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता हर्षित कुमार, मो सुलतान, सुमित शाह और चार पीओएस संचालक शामिल हैं। इस गिरोह के तार पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गोआ, कर्नाटक, दिल्ली, झारखंड, ओड़िशा के साथ- साथ चीन, वियतनाम, यूएई, कंबोडिया, थाईलैंड, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से जुड़े पाये गए हैं। यह गिरोह ठगी की राशि को क्रिप्टो में तब्दील कर आपस मे लेनदेन करता था। ऐसे खातों की जांच की जा रही है। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि जांच एजेंसी मामले की गहराई से जांच कर रही है। चूंकि मामला कई राज्यों और विदेशों से जुड़ा है इसलिए इसमें सीबीआई और आईबी की मदद ली जा रही है। दोनों टीम शीघ्र ही पटना आने वाली हैं। 

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