Edited By Ramanjot, Updated: 25 Mar, 2025 05:51 PM

सूत्रों ने बताया कि विदेशी नागरिक के भारत में प्रवास के दौरान गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेशों का इन नेपाली नागरिकों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा था। सभी 10 नेपाली नागरिकों को दौसा पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें 'लीव इंडिया नोटिस' देकर अपनी...
मोतिहारी: भारत विरोधी प्रचार में शामिल तब्लीगी जमात के 10 नेपाली नागरिकों को बिहार में पूर्वी चंपारण जिले की रक्सौल सीमा से डिपोर्ट किया गया है। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि ये सभी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। डिपोर्ट किए गए सभी नेपाली नागरिक राजस्थान में पकड़े गए थे। राजस्थान की दौसा पुलिस को इनके खिलाफ सूचना मिली थी कि कुछ नेपाली नागरिक भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। दौसा पुलिस ने जांच शुरू की तो उनके खिलाफ आरोप सही पाया गया।
रक्सौल सीमा से भारत में प्रवेश कर पहुंचे थे राजस्थान
सूत्रों ने बताया कि विदेशी नागरिक के भारत में प्रवास के दौरान गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेशों का इन नेपाली नागरिकों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा था। सभी 10 नेपाली नागरिकों को दौसा पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें 'लीव इंडिया नोटिस' देकर अपनी अभिरक्षा में रविवार को रक्सौल बॉडर्र से डिपोर्ट कर दिया। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी दौसा के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रविप्रकाश शर्मा ने संवाद एजेंसी 'यूनीवार्ता' को बताया कि पांच लोगों को दौसा शहर से और पांच को पापड़दा से हिरासत में लिया गया था। इनमें से पांच पुरुष और पांच महिलाएं थीं। सभी नेपाली नागरिक थे। सभी पुरुष पापड़दा इलाके की एक मस्जिद में और उनकी पत्नियां दौसा के अलग-अलग घरों में रह रही थीं। ये सभी पिछले चार मार्च को रक्सौल सीमा से भारत में प्रवेश कर राजस्थान पहुंचे थे।
सूत्रों के मुताबिक डिपोर्ट किए गए लोगों में शहरुद्दीन अंसारी और उनकी पत्नी हलीमा खातून, मोहम्मद जान अंसारी और उनकी पत्नी सुलेखा खातून, रमजान अली मियां और उनकी पत्नी जफिना खातून, मोजाहिर हुसैन और उसकी पत्नी आयसा खातून एवं रज्जाक मियां और उनकी पत्नी रखिया धोबिन शामिल हैं। ये सभी नेपाल के बारा और गोरखा जिला के रहने वाले हैं।