Edited By Ramanjot, Updated: 28 Mar, 2025 08:45 PM

राज्य की वितरण कंपनियों द्वारा किए गए उल्लेखनीय सुधार और बेहतर प्रबंधन के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 से एग्रीगेट टेक्निकल एवं कमर्शियल लॉस के मद में सरकारी अनुदान की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
पटना: राज्य की वितरण कंपनियों द्वारा किए गए उल्लेखनीय सुधार और बेहतर प्रबंधन के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 से एग्रीगेट टेक्निकल एवं कमर्शियल लॉस के मद में सरकारी अनुदान की आवश्यकता समाप्त हो गई है। इससे राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों पर पड़ने वाला भार कम हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान वितरण कंपनियों को क्रमशः 860 करोड़, 1266 करोड़, 1422 करोड़ एवं 1094 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त हुए थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में वितरण कंपनियों ने एटी एंड सी लॉस को लगातार कम किया है और राजस्व संग्रहण में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। इन सुधारों के परिणामस्वरूप वितरण कंपनियों को इस अनुदान की आवश्यकता नहीं रही, जिससे राज्य सरकार के कोष पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा।
इसके अलावा, वितरण कंपनियों द्वारा रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण किया गया है। दोनों वितरण कंपनियों ने वाणिज्यकर विभाग को ऊर्जा शुल्क के रूप में 1442 करोड़ रुपये की देय राशि में से अब तक 1141 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं, और शेष राशि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक जमा कर दी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य की वितरण कंपनियों ने एटी एंड सी लॉस में कमी और राजस्व संग्रहण में वृद्धि कर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इससे न केवल इस मद में सरकारी अनुदान की आवश्यकता खत्म हुई है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। यह सुधार राज्य के विकास कार्यों को गति देगा और प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे इन सकारात्मक परिवर्तनों के कारण राज्य सरकार के राजस्व संग्रहण में वितरण कंपनियों का योगदान निरंतर बढ़ रहा है। इन कंपनियों के बेहतर वित्तीय प्रदर्शन से राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति और अधिक सशक्त होगी, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक कल्याण और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।