भाकपा-माले ने की ‘अग्निपथ' योजना को तत्काल वापस लेने की मांग, कहा- यह भेदभावपूर्ण और अनुचित

Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jun, 2024 09:36 AM

cpi ml demands immediate withdrawal of agnipath scheme

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि देश में जाति जनगणना/सर्वेक्षण की आवश्यकता है। इससे सरकार को उन लोगों (जातियों) की पहचान करने में मदद मिलेगी जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के...

पटना: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ‘अग्निपथ' योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की है। पटना में शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) शुरू से ही अग्निपथ योजना को खत्म करने की मांग कर रहा है। हम केंद्र से इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं क्योंकि यह भेदभावपूर्ण और अनुचित है। हमारी पार्टी भी शुरू से ही इस योजना का विरोध कर रही है।'' 

"बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा दे NDA सरकार"
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि देश में जाति जनगणना/सर्वेक्षण की आवश्यकता है। इससे सरकार को उन लोगों (जातियों) की पहचान करने में मदद मिलेगी जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में जाति जनगणना/सर्वेक्षण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए दबाव डालेंगे।'' बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की पार्टी की मांग पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘केंद्र की राजग सरकार को बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘राजग की सरकार में जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की बड़ी भूमिका है, लेकिन राजग की बैठक में नीतीश कुमार ने जिस प्रकार की बातें कहीं वह बहुत ही चिंताजनक है। हम उम्मीद करते हैं कि जद(यू) अपने मुद्दों पर डटी रहेगी।'' 

"भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए'' 
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और जाति जनगणना को लेकर नीतीश कुमार को मोदी की गारंटी लेनी चाहिए थी, लेकिन पता नहीं नीतीश कुमार इस पर क्या करेंगे?'' बिहार के विभिन्न इलाकों में लोकप्रिय भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने की पार्टी की मांग पर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार को भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की हमारी मांग पर विचार करना चाहिए। दुनियाभर में लोकप्रिय यह भाषा बिहार के भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, जहानाबाद और झारखंड के कई इलाकों में गहराई से व्याप्त है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र से मांग करते हैं कि भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए।'' 

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