Edited By Ramanjot, Updated: 17 Oct, 2024 11:42 AM
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने नवादा में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “बदलो बिहार-न्याय यात्रा भूमिहीनों के लिए पक्के मकान, किसानों के लिए एमएसपी, युवाओं के लिए रोजगार, ग्रामीण विकास, भारतीय संविधान...
पटना: बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)- मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की कई मोर्चों पर कथित विफलताओं के खिलाफ बुधवार को राज्यव्यापी ‘बदलो बिहार-न्याय यात्रा' शुरू की। भाकपा माले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का एक घटक दल है।
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने नवादा में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “बदलो बिहार-न्याय यात्रा भूमिहीनों के लिए पक्के मकान, किसानों के लिए एमएसपी, युवाओं के लिए रोजगार, ग्रामीण विकास, भारतीय संविधान और लोकतंत्र को बनाए रखने के साथ-साथ अन्य मांगों को लेकर शुरू की गई है।” ‘बदलो बिहार-न्याय यात्रा' 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी। भट्टाचार्य ने कहा, “शहर और कस्बे के सभी निवासियों को किफायती आवास, पीने योग्य पानी, स्वच्छता सुविधाएं और नागरिक सुविधाओं तक समान पहुंच होनी चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना होनी चाहिए और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि बिहार में जारी भूमि सर्वेक्षण नीतीश कुमार सरकार द्वारा गरीबों को उनकी जमीन से बेदखल करने का एक प्रयास है।
भट्टाचार्य ने सत्तारूढ़ सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार उन गरीबों को निशाना बना रही है जो पीढ़ियों से अपनी जमीन पर रह रहे हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाए और अगली बार जब भी सरकार इसे शुरू करने की योजना बनाएगी, तो उसे पहले गरीबों को यह गारंटी देनी होगी कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें जमीन मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार को राज्य के लोगों की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है।