Pitru Paksha Mela 2024: सात समंदर पार से आए विदेशियों ने किया पिंडदान, देवघाट पर दिखा एक अलग नजारा

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Sep, 2024 12:28 PM

foreigners performed pind daan in gaya

स्थानीय प्रशासन के द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया। इस मौके पर स्थानीय पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि विभिन्न देशों के 15 मेहमान गयाजी पहुंचे हैं और देवघाट पर उन्होंने अपने पितरों कि मोक्ष प्राप्ति...

गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2024 में देश-विदेश से तीर्थयात्री गयाजी आए हुए हैं, जो अपने पितरों की मोक्ष की कामना को लेकर विभिन्न पिंड वेदियों पर पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं। फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर आज एक अलग नजारा देखने को मिला, जहां विश्व के विभिन्न देशों से आए 15 विदेशी मेहमानों ने पिंडदान कर्मकांड किया। उन्हें देखने को लेकर आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। 

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गया पहुंचा विदेशियों का जत्था

जर्मनी, रूस सहित इन देशों से आए लोग 
स्थानीय प्रशासन के द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया। इस मौके पर स्थानीय पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि विभिन्न देशों के 15 मेहमान गयाजी पहुंचे हैं और देवघाट पर उन्होंने अपने पितरों कि मोक्ष प्राप्ति को लेकर पिंडदान कर्मकांड किया है। ये लोग जर्मनी, कजाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, घाना, यूक्रेन, रूस सहित अन्य देशों से आए हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने सनातन धर्म में विश्वास जताते हुए पिंडदान कर्मकांड किया है। कई लोगों ने अपने माता-पिता, तो कई ने पुत्र एवं पत्नी को लेकर पिंडदान कर्मकांड किया है। सनातन धर्म में इनका विश्वास बढ़ा है। यही वजह है कि सात समुंदर पार से आकर इन लोगों ने पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदान कर्मकांड किया है। उन्हें यह बताया गया है कि यदि ये धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म इनकी रक्षा करेगा। पूरे धार्मिक अनुष्ठान के साथ पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया है। 

PunjabKesariभ्रमण करते विदेशी यात्री

यहां पिंडदान करने से पितरों को प्राप्ति होता है मोक्ष 
वहीं नाइजीरिया देश से आए विदेशी मेहमान विष्णु ने बताया कि पिंडदान कर्मकांड करने को लेकर वह गया आए हैं। उन्होंने कहा, हमारे साथ और भी कई मित्र आए हुए हैं। गया के पिंडदान कर्मकांड के बारे में हमने सुना था। ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी सोच के साथ हमलोग गया पहुंचे हैं। पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो, इसी कामना के साथ पूरे विधि विधान से पिंडदान की प्रक्रिया को संपन्न किया गया है। ऐसा सुना था कि भगवान विष्णु ने गयासुर राक्षस के शरीर को अपने पैर से दबाया था, जिसके बाद यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष लोक की प्राप्ति होती है। वैदिक शास्त्र में विश्वास करते हुए हमलोग यहां पहुंचे हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति को लेकर हमलोगों ने पिंडदान कर्मकांड किया है। 

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