Lok Sabha Election 2024: कटिहार में ओवैसी बिगाड़ेंगे INDIA गठबंधन का खेल, तारिक अनवर के फैसले पर रहेगी सबकी नजर

Edited By Ramanjot, Updated: 26 Mar, 2024 01:40 PM

owaisi will spoil the game of india alliance in katihar

हालांकि 1999 में तारिक अनवर का यह दांव काम नहीं किया और बीजेपी के निखिल चौधरी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2004 और 2009 के चुनाव में भी यहां से निखिल चौधरी ही चुनाव जीतकर संसद पहुंचे लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद निखिल चौधरी...

कटिहार: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक कटिहार लोकसभा सीट है। इस सीट पर पहली बार चुनाव साल 1957 में हुआ और कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह चुनाव जीते। 1958 में ही इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के बी. विश्वास चुनाव जीते। साल 1962 में यह सीट प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के खाते में गई और प्रिया गुप्ता चुनाव जीतने में कामयाब रही। 1967 में एक बार फिर से यह सीट कांग्रेस के खाते में गई और सीताराम केसरी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। जबकि 1977 में इस सीट पर जनता पार्टी को जीत मिली। 

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1980 में एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस के तारिक अनवर ने कब्जा जमाया और 1984 में भी तारिक अनवर ही यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन इसके बाद 1989 और 1991 में जनता दल को इस सीट पर जीत मिली। हालांकि 1996 और 1998 में कांग्रेस की टिकट पर तारिक अनवर चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन उसी दौरान 25 मई 1999 को सोनिया गांधी के विदेशी मूल का विरोध करते हुए तारिक अनवर ने कांग्रेस छोड़ दिया और शरद पवार और पी. सांगमा के साथ मिलकर एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। 

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हालांकि 1999 में तारिक अनवर का यह दांव काम नहीं किया और बीजेपी के निखिल चौधरी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2004 और 2009 के चुनाव में भी यहां से निखिल चौधरी ही चुनाव जीतकर संसद पहुंचे लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद निखिल चौधरी को जीत नसीब नहीं हुई और एनसीपी नेता तारिक अनवर के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की टिकट पर दुलालचंद गोस्वामी ने जीत हासिल की थी। कटिहार लोकसभा के अंतर्गत  विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी और बरारी शामिल हैं। 

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2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट दुलालचंद गोस्वामी ने जीत हासिल की थी। गोस्वामी ने 5 लाख 59 हजार 423 वोट हासिल किया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट तारिक अनवर ने 5 लाख 2 हजार 220 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया तो 20 हजार 584 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहा। 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर NCP के तारिक अनवर ने 4 लाख 31 हजार 292 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं बीजेपी के निखिल कुमार 3 लाख 16 हजार 552 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के डॉक्टर राम प्रकाश महतो को 1 लाख 765 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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साल 2009 में की बात करें तो बीजेपी के निखिल कुमार ने 2 लाख 69 हजार 834 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं NCP के तारिक अनवर 2 लाख 55 हजार 819 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि LJP के अहमद अशफाक करीम को 45 हजार 773 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।


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साल 2004 में की बात करें तो बीजेपी के निखिल कुमार ने 2 लाख 88 हजार 922 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं NCP के तारिक अनवर 2 लाख 86 हजार 357 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि समाजवादी पार्टी के मुबारक हुसैन को 37 हजार 584 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

कटिहार लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। कटिहार लोकसभा सीट पर 41 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इसके अलावा 11 फीसदी यादव और  8 फीसदी सामान्य वोटर हैं। वहीं 16 फीसदी वैश्य, 18 फीसदी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 6 फीसदी  अनुसूचति जाति और जनजाति के वोटर हैं। इस बार कटिहार में असदुद्दीन ओवैसी भी चुनावी मैदान में अपना उम्मीदवार उतारेंगे। ओवैसी आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। 

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