Edited By Swati Sharma, Updated: 23 Jan, 2024 11:40 AM

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने सोमवार को शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) से जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भिजवाया था। इसमें कहा गया था कि डीएम के आदेश को नहीं मानकर सरकारी स्कूलों को खुलवाया जाए। वहीं,...
पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने सोमवार को शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) से जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भिजवाया था। इसमें कहा गया था कि डीएम के आदेश को नहीं मानकर सरकारी स्कूलों को खुलवाया जाए। वहीं, इसके बाद पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इस पत्र का जवाब दिया है। पटना डीएम ने स्कूलों को खोलने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है।
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क्या है मामला?
पटना डीएम ने कहा कि कि स्कूलों को बंद रखने का आदेश देने का मुझे पूरा अधिकार है। इसे नहीं मानने वाले को 6 महीने के जेल की सजा हो सकती है। दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग (Education Department) ने सभी जिलाधिकारियों से उस आदेश को वापस लेने को कहा था, जिसमें उन्होंने विद्यालयों को शीत लहर के मद्देनजर निचली कक्षाओं को निलंबित करने का निर्देश देने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का इस्तेमाल किया था। वहीं, केके पाठक का आदेश जारी होने के बाद नालंदा और पटना के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में स्कूल छुट्टी की अवधि में विस्तार कर दिया। पटना डीएम ने 23 जनवरी तक जिले के सभी स्कूलों में क्लास एक से आठ तक की पढ़ाई पर रोक लगा दी।
"मुख्यमंत्री का इकबाल हो गया है खत्म"
इससे नाराज केके पाठक ने सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जिला शिक्षा पदाधिकारी को चिट्ठी भेज कर आदेशित किया कि सभी स्कूलों का संचालन सुनिश्चित करें। पत्र में कहा गया था कि डीएम के आदेश को नहीं मानकर सरकारी स्कूलों को खुलवाया जाए। इसके बाद दो आईएएस पदाधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा शीतलहर के नाम पर स्कूलों में छुट्टी न करने की सलाह पर जिलाधिकारी के जवाबी पत्र के बाद भाजपा ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो गया है।