Edited By Ramanjot, Updated: 08 Aug, 2025 08:13 PM
सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को सहकारिता विभाग, बिहार एवं नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में दीपनारायण सिंह सहकारी प्रशिक्षण संस्थान, पटना में एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पटना:सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को सहकारिता विभाग, बिहार एवं नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में दीपनारायण सिंह सहकारी प्रशिक्षण संस्थान, पटना में एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पैक्सों को बहुद्देशीय बनाए जाने, पैक्सों के माध्यम से विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना की प्रगति एवं पैक्सों को कम्प्यूटरीकृत किये जाने की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ कई विभागों के आपसी समन्वय से निश्चित समय पर योजना के कार्यान्वयन को गति प्रदान करना था।
आज की एक दिवसीय कार्यशाला में भारत सरकार के संयुक्त सचिव, सिद्धार्थ नाथ जैन, सचिव, सहकारिता विभाग, बिहार सरकार, धर्मेन्द्र सिंह, निबंधक, सहयोग समितियाँ, बिहार, पटना, अंशुल अग्रवाल, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, सुब्रत कुमार नंदा, संजय कुमार गुप्ता, विनय कुमार सिन्हा, डॉ. मिलिन्द, उप महाप्रबंधक, नाबार्ड, गोवर्द्धन सिंह रावत, उपस्थित रहे। साथ ही सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, आशीष कुमार भूटानी, एवं नाबार्ड के चेयरमैन, के.बी. शाजी ऑनलाईन माध्यम से इस कार्यशाला में जुड़े। साथ ही बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों के निबंधक, सहयोग समितियाँ, राज्य सहकारी बैंकों के पदाधिकारी, FCI, नाफेड, NCCF के पदाधिकारी उपस्थित रहें।
उद्घाटन सत्र में सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, आशीष कुमार भूटानी ने ऑनलाईन माध्यम से कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार की महत्वपूर्ण तीन कार्यक्रमों / योजनाओं M-PACS, अन्न भंडारण योजना एवं पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के क्रियान्वयन के संबंध में एक विस्तृत कार्ययोजना बनाना तथा इन योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के समाधान हेतु एक समझ विकसित करना है। उन्होंने पैक्सों में सदस्यता बढ़ाने विशेष कर महिलाओं, भूमिहीनों, बटाइदारों, कामगारों इत्यादि को जोड़ने हेतु विशेष कार्ययोजना बनाकर प्रयास करने का आग्रह किया। इसके साथ ही निष्क्रिय पैक्सों को फिर से सक्रिय बनाने हेतु आवश्यक सहयोग देने हेतु कार्ययोजना बनाने की भी सभी राज्यों से अपील की। साथ हीं उन्होंने पैक्सों को बहुद्देश्यीय बनाने हेतु भारत सरकार की योजनाओं को और बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने के प्रयास को और भी तेज करने की बात कही। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पैक्स के माध्यम से सभी प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध हैं इसके लिए प्रत्येक ग्रामीण से पैक्स सदस्यता प्रदान किए जाने की योजना पर बल दिया। उनके द्वारा सहकारी बैंकों को भी सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोड़ दिया गया।

नाबार्ड के चेयरमैन के.बी. शाजी ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला को संबोधित करते हुए पैक्सों में गोदाम निर्माण, पैक्स कम्प्यूटरीकरण, पैक्सों को बहुद्देश्यीय बनाने के राज्यों के प्रयास की सराहना की और कहा कि इसमें और भी तेजी लाने हेतु नाबार्ड द्वारा आवश्यक सहायता एवं सहयोग राज्यों को दिया जायेगा। नाबार्ड के अधिकारियों की एक पूरी टीम इस कार्यशाला में भाग ले रही है जो विभिन्न राज्यों के अनुभवों, आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाओं के निर्माण एवं उनके क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करेंगे।
सचिव, सहकारिता विभाग, बिहार सरकार, धर्मेन्द्र सिंह ने इस कार्यशाला में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण है, इस कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न राज्यों के द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में जो अच्छे पहल किये जा रहे हैं उसपर आपस में विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा ताकि सभी राज्य सहकारिता के क्षेत्र में अपनाये जा रहे नवीनतम पहलों को अपनाकर योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर सकेंगे। पैक्सों को बहुद्देश्यीय बनाने, पैक्स कम्प्यूटराइजेशन एवं अन्न भंडारण योजना के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए सचिव, सहकारिता विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि हम सब लोगों को मिलकर इस ओर सामूहिक प्रयास करना चाहिए ताकि आमलोगों तक सहकारिता की सुविधाओं को पहुँचाया जाना संभव हो सके। उन्होंने सहकारी समितियों को बैंकों से जोड़ने पर भी जोड़ दिया।
भारत सरकार के संयुक्त सचिव, सिद्धार्थ नाथ जैन ने कार्यशाला में सभी राज्यों से आये प्रतिनिधियों को अपने राज्यों में पैक्सों की सदस्यता बढ़ाने, पैक्स कम्प्यूटराइजेशन M-PACS एवं अन्न भण्डारण योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए समाधान हेतु नये सुझावों को भी इस मंच पर बताने का आग्रह किया ताकि भारत सरकार इस पर समबद्ध तरीके से उसका समाधान हेतु प्रयास कर सके।

आज के कार्यक्रम में बिहार, झारखण्ड, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों एवं सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने अपने राज्यों के उपलब्धियों और चुनौतियों के संबंध में चर्चा की, इसी क्रम में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए निबंधक, सहयोग समितियाँ, अंशुल अग्रवाल ने बताया कि बिहार पैक्स कम्प्यूटराइजेशन, M-PACS अन्न भण्डारण योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार में 7167 गोदामों का निर्माण करा लिया गया है तथा इसके तहत कुल 16.67 लाख मीट्रिक टन भण्डारण क्षमता का निर्माण हो चुका है। पैक्स कम्प्यूटराइजेशन में बिहार बेहतर काम कर रहा है तथा इसमें और भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। पैक्सों में सदस्यता बढ़ाने हेतु बिहार सरकार ऑनलाइन सदस्यता प्राप्त करने हेतु आमलोगों को प्रोत्साहित कर रही है। सहकारी बैंक माइक्रो एटीएम के माध्यम से आमलोगों तक बैंकिंग सुविधाओं को पहुँचाने हेतु प्रयासरत है, राज्य सरकार कई नये क्षेत्रों में नवीन सहकारी बैंकों के शाखा खोलने हेतु प्रयास जारी है। पैक्सों के सदस्यों को ज्यादा-से-ज्यादा सहकारी बैंकों द्वारा कैम्प मोड में खाता खोलने हेतु अभियान चलाया जा रहा है।

ओडिशा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल के सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों ने भी आज के कार्यशाला में अपने राज्यों की उपलब्धियों एवं नवीनतम प्रयोग के बारे में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया तथा भविष्य की अपनी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया।
आज की कार्यशाला के उपरान्त कार्यशाला में सम्मिलित सभी चार राज्यों के बीच भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की बेहतर समझ बनी। भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय एवं नाबार्ड के पदाधिकारियों ने सभी राज्यों को अपेक्षित लक्ष्यों की प्राप्ति करने में हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया।