Edited By Ramanjot, Updated: 27 Sep, 2024 10:35 AM
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के प्रमुख मांझी ने बुधवार को पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी पृष्ठभूमि पर सवाल उठाने के बजाय, लालू प्रसाद को यह बताना चाहिए कि वह यादव हैं या गड़रिया हैं।'' जब पत्रकारों ने प्रसाद से मांझी की टिप्पणी के बारे में...
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बीच जाति को लेकर गुरुवार को को तीखी नोकझोंक हुई। यह विवाद पत्रकारों के सवाल के जवाब में मांझी की एक टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसमें उनसे राजद के इस आरोप के बारे में पूछा कि मांझी ने आरएसएस से नाता जोड़ लिया है और अब ‘मुसहर' (दलित जाति) की जगह ‘शर्मा' (उच्च जाति का उपनाम) बन गए हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के प्रमुख मांझी ने बुधवार को पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी पृष्ठभूमि पर सवाल उठाने के बजाय, लालू प्रसाद को यह बताना चाहिए कि वह यादव हैं या गड़रिया हैं।'' जब पत्रकारों ने प्रसाद से मांझी की टिप्पणी के बारे में पूछा तो राजद सुप्रीमो ने बुधवार को अपने चिरपरिचित अंदाज में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं अभी भी यह जानना चाहता हूं कि क्या वह (मांझी) मुसहर हैं।''
लालू की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘लालू जी, हम मुसहर-भुईयां हैं, हमारे पिता मुसहर-भुईयां थे, हमारे दादा-परदादा मुसहर-भुईयां थे, हमारा तो पूरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है और हम तो गर्व से कहते हैं कि हम मुसहर, भुईयां हैं।'' बिहार सरकार द्वारा पिछले साल कराए गए जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य में मुसहर प्रदेश की कुल आबादी का 3.087 प्रतिशत (40.357 लाख) हैं जबकि यादव 14.27 प्रतिशत हैं।