Edited By Ramanjot, Updated: 20 Mar, 2025 09:55 AM

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के सम्मान में बनाई गई एक अनोखी मिथिला पेंटिंग चर्चा में है। इस पेंटिंग को समस्तीपुर, बिहार के प्रतिभाशाली कलाकार कुंदन कुमार रॉय ने अपनी कला के माध्यम से जीवंत किया है।
पटना: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के सम्मान में बनाई गई एक अनोखी मिथिला पेंटिंग चर्चा में है। इस पेंटिंग को समस्तीपुर, बिहार के प्रतिभाशाली कलाकार कुंदन कुमार रॉय ने अपनी कला के माध्यम से जीवंत किया है। यह पेंटिंग न केवल उनकी उत्कृष्ट कला कौशल को दर्शाती है, बल्कि अंतरिक्ष यात्रा के जटिल और प्रेरणादायक सफर को भी कला के जरिए बयान करती है। खास बात यह है कि कुंदन रंगों की पहचान करने में असमर्थ हैं, इसके बावजूद उन्होंने अपनी कला में ऐसा निखार लाया है कि उनकी रचनाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
कुंदन की कला में संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास की कहानी
कुंदन को कलर ब्लाइंडनेस (वर्णान्धता) है, जिसके कारण वे रंगों को सही ढंग से नहीं देख पाते, लेकिन उनकी यह कमजोरी कभी उनकी कला में बाधा नहीं बनी। वे मुख्य रूप से ब्लैक एंड व्हाइट मिथिला पेंटिंग्स बनाते हैं, जो अपनी विशिष्टता और गहराई के कारण बेहद आकर्षक लगती हैं। उनकी इस प्रतिभा को संस्कृति मंत्रालय समेत कई मंचों से सराहना मिली है।
सुनीता विलियम्स की पेंटिंग के अलावा, कुंदन ने टोक्यो ओलंपिक्स और भारतीय एथलीट्स के लिए भी विशेष पेंटिंग बनाई थी, जिसने उन्हें और अधिक प्रसिद्धि दिलाई। उनकी कला को सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त पहचान मिली है, और अब वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पेंटिंग्स बेचते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आर्थिक मदद भी मिलती है।
कला के क्षेत्र में नई पहचान बना रहे हैं कुंदन कुमार रॉय
कुंदन की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें कई महत्वपूर्ण सम्मान दिलाए हैं। उनकी रचनाओं को कई मंचों पर सराहा गया है और उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- समस्तीपुर जिला प्रशासन द्वारा सम्मान (14 नवंबर 2024)
- जिला अधिकारी रोशन कुशवाहा द्वारा स्वच्छता लोगो सम्मान (17 अगस्त 2024)
- राज्य स्तरीय सम्मान – बिहार सरकार के मुख्य सचिव द्वारा (2021)
- गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में कोविड टीकाकरण पर बनाई गई पेंटिंग
- प्राइड ऑफ बिहार, भारत लीडरशिप अवार्ड, मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड में ऑनरेरी डॉक्टरेट
नए कलाकारों को प्रेरित कर रहे हैं कुंदन
आज कुंदन युवाओं, महिलाओं और बच्चों को मिथिला पेंटिंग की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहे हैं। उनका मानना है कि कला केवल एक पेशा नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है।
उनकी कहानी यह साबित करती है कि सपनों को पूरा करने के लिए जुनून और मेहनत ही सबसे बड़ी कुंजी है। कुंदन ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत में बदल दिया और अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। उनकी कला लोगों को यह संदेश देती है कि कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती जिसे मेहनत और समर्पण से पार न किया जा सके।