Edited By Ramanjot, Updated: 09 Aug, 2025 02:22 PM

जल संसाधन विभाग (WRD) के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, "गंगा नदी मनेर, दानापुर, दीघा घाट, गांधी घाट, बांका घाट और हाथीदह जैसे स्थानों पर (शनिवार सुबह 9 बजे तक) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर की...
Bihar Flood: लगातार बारिश और कई नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण शनिवार को राज्य के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, भोजपुर, खगड़िया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा और कटिहार जिलों के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई।
राहत शिविरों में पहुंचाए गए 89,000 से ज्यादा लोग
जल संसाधन विभाग (WRD) के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, "गंगा नदी मनेर, दानापुर, दीघा घाट, गांधी घाट, बांका घाट और हाथीदह जैसे स्थानों पर (शनिवार सुबह 9 बजे तक) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर की अन्य नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।" अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पटना जिले में 89,000 से ज़्यादा लोगों को निचले इलाकों से राहत शिविरों में पहुंचाया गया, जबकि भोजपुर जिले में 21,700 लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
गंगा के किनारे बसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति
आपदा प्रबंधन विभाग के बुलेटिन में कहा गया है, "पटना, भोजपुर, वैशाली, लखीसराय और भागलपुर सहित गंगा के किनारे बसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद गंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं। भोजपुर जिले की 11 पंचायतों के 21,700 प्रभावित लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है, जबकि पटना में 89,250 लोगों को शुक्रवार को शिविरों में पहुंचाया गया।" आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने और एहतियाती कदम उठाने को कहा है।
राज्य में लगभग सभी नदियां अपने जलस्तर में वृद्धि का रुख बनाए हुए हैं और अपने जलस्तर के साथ निचले इलाकों को अपनी चपेट में ले रही हैं। राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर अभी तक कोई चिंताजनक स्थिति नहीं है। पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण राज्य में गंगा, गंडक, कोसी, गंगा, बूढ़ी गंडक, महानंदा और कमला नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।