Edited By Ramanjot, Updated: 08 Nov, 2024 01:31 PM
दरअसल, पूरा मामला गुजरात के अमरेली जिले में लाठी तालुका का है। यहां के पाडरशिंगा गांव में रहने वाले किसान संजय पोरला ने अपनी पुरानी कार को लकी मानते हुए कार को फूलों से सजाकर समाधि दी। बताया जा रहा है कि संजय पोरला ने साल 2013 में कार खरीदी थी जिसे...
बिहार डेस्कः आपने अक्सर साधु-संतों को समाधि लेते सुना होगा लेकिन यहां एक शख्स ने अपनी कार को ढोल-नगाड़े के साथ समाधि दे दी। दरअसल, संजय पोरला नामक एक किसान ने 2013 खरीदी अपनी कार को बेहद लकी मानता था और उसे बेचना नहीं चाहता था। फिर उसने अपनी पुरानी कार को विधि-विधानपूर्वक समाधि देने का सोचा। इसके लिए किसान ने एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया।
दरअसल, पूरा मामला गुजरात के अमरेली जिले में लाठी तालुका का है। यहां के पाडरशिंगा गांव में रहने वाले किसान संजय पोरला ने अपनी पुरानी कार को लकी मानते हुए कार को फूलों से सजाकर समाधि दी। बताया जा रहा है कि संजय पोरला ने साल 2013 में कार खरीदी थी जिसे वह अपने लिए लकी मानते हैं। संजय पोरला का मानना है कि जबसे उन्होंने कार खरीदी, उसके बाद से उन्हें आर्थिक समृद्धि नसीब हुई। साथ ही मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ी। इसके बाद उन्होंने सूरत जाकर बिजनेस भी शुरू किया। वहीं अब कार पुरानी हुई तो किसान ने उसे बेचना मुनासिब नहीं समझा और उसे समाधि देने की सोची। इसे लिए उन्होंने समाधि कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने आसपास के साधु-संतों समेत अपने रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया।
संजय पोरला ने इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए 4 लाख रुपए का खर्च किया। संजय पोरला ने आमंत्रण कार्ड बांटकर रिश्तेदारों सहित 1500 लोगों को आमंत्रित किया, सबके लिए भंडारे का आयोजन किया। वहीं ढोल-नगाड़ों के साथ गरबा कार्यक्रम आयोजित करके अपनी लकी कार को अपनी ही जमीन कार में समाधि दी और इन लम्हों हमेशा के लिए कैद कर लिया। संजय पोरला कहते हैं कि कार को जिस जमीन में समाधि दी गई है अब आने वाले दिनों में वहां वृक्षारोपण करेंगे।