Edited By Ramanjot, Updated: 31 May, 2025 05:00 PM
1985 में लोकदल की टिकट पर शिवनंदन पासवान ने विरोधियों को मात दे दिया था। 1990 और 1995 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर कमल पासवान ने लगातार दो बार सकरा सीट से विजयी हासिल किया था। 2000 में सकरा सीट से आरजेडी कैंडिडेट शीतल राम ने विरोधियों को...
Sakra Assembly Seat: सकरा विधानसभा सीट मुज्जफरपुर लोकसभा के तहत आता है। सकरा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। 1957 में हुए पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट रामगुलाम चौधरी ने जीत हासिल किया था। वहीं 1962 के चुनाव में सकरा सीट से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर महेश प्रसाद सिंह विजयी रहे थे तो 1967 और 1969 के विधानसभा चुनाव में यहां से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट नेवालाल महतो विजयी रहे थे। वहीं 1972 में एसओपी पार्टी के टिकट पर हीरालाल पासवान ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1977 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट से जनता पार्टी के कैंडिडेट शिवनंदन पासवान ने जीत हासिल कर लिया था तो 1980 के चुनाव में सकरा सीट से फकीरचंद राम ने जनता पार्टी के टिकट पर विजयी रहे थे।

1985 में लोकदल की टिकट पर शिवनंदन पासवान ने विरोधियों को मात दे दिया था। 1990 और 1995 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर कमल पासवान ने लगातार दो बार सकरा सीट से विजयी हासिल किया था। 2000 में सकरा सीट से आरजेडी कैंडिडेट शीतल राम ने विरोधियों को चुनाव में पटखनी दे दी थी। 2005 के चुनाव में सकरा सीट से बिलट पासवान ने जनता का भरोसा जीत लिया था। वहीं 2010 में जेडीयू की टिकट पर सुरेश चंचल ने जीत हासिल कर लिया था तो आरजेडी कैंडिडेट लालबाबू राम ने 2015 में सकरा सीट पर जीत का परचम लहरा दिया था। वहीं 2020 में सकरा में जेडीयू कैंडिडेट अशोक कुमार चौधरी ने विरोधियों को मात दे दिया था।
एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट पर जेडीयू कैंडिडेट अशोक कुमार चौधरी ने जीत का परचम लहरा दिया था। अशोक कुमार चौधरी को 67 हजार दो सौ 65 वोट मिला था तो कांग्रेसी उम्मीदवार उमेश कुमार राम को 65 हजार सात सौ 28 वोट मिला था। इस तरह से अशोक कुमार चौधरी ने उमेश कुमार राम को महज 15 सौ 37 वोट के कम मार्जिन से हरा दिया था। वहीं एलजेपी उम्मीदवार संजय पासवान 13 हजार पांच सौ 28 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट से आरजेडी कैंडिडेट लालबाबू राम ने जीत हासिल की थी। लालबाबू राम को 75 हजार 10 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट अर्जुन राम को 61 हजार नौ सौ 98 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से लालबाबू राम ने अर्जुन राम को 13 हजार 12 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट सचिदानंद सुमन, 5 हजार एक सौ 69 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट से जेडीयू कैंडिडेट सुरेश चंचल ने जीत हासिल की थी। सुरेश चंचल को 55 हजार चार सौ 86 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट लालबाबू राम को 42 हजार चार सौ 41 वोट मिला था। इस तरह से सुरेश चंचल ने लालबाबू राम को 13 हजार 45 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट उमेश कुमार राम ने 6 हजार 242 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट से जेडीयू की टिकट पर बिलट पासवान ने जीत हासिल की थी। बिलट पासवान को 36 हजार 20 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट लालबाबू राम को 35 हजार नौ सौ 48 वोट मिला था। इस तरह से बिलट पासवान ने लालबाबू राम को महज 72 वोट के बेहद कम अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट सुरेश चंचल ने 11 हजार छह सौ 14 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

सकरा सीट पर मुस्लिम और यादव वोटर की निर्णायक संख्या है। हालांकि हार-जीत में राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान भी अहम भूमिका निभाते हैं। वैसे सकरा सीट पर जेडीयू और आरजेडी में इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।