Edited By Ramanjot, Updated: 27 May, 2025 06:22 PM
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट पर बीजेपी उम्मीदवार जीवेश कुमार ने जीत का परचम लहराया था। जीवेश कुमार 87 हजार तीन सौ 76 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो कांग्रेस कैंडिडेट मश्कूर अहमद उस्मानी 65 हजार पांच सौ 80 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे...
Jale Assembly Seat: जाले विधानसभा सीट मधुबनी लोकसभा के तहत आता है। 1951 में जाले सीट अस्तित्व में आ गया था। 1951 में जाले सीट (Jale Assembly Seat) पर कांग्रेस पार्टी की टिकट पर अब्दुल शमी नदवी ने चुनाव में जीत हासिल किया था। 1957 में जाले सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट शेख ताहिर हुसैन ने विरोधियों को करारी शिकस्त देने में कामयाबी हासिल की थी। 1962 में यहां से नारायण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जाले में जनता का भरोसा जीत लिया था। वहीं 1967 में जाले सीट से सीपीआई की टिकट पर के हुसैन ने विरोधियों को मात दे दिया था।
1969 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट (Jale Assembly Seat) पर भारतीय जनसंघ के कैंडिडेट तेज नारायण राउत ने विरोधियों को हरा दिया था। 1972 के चुनाव में जाले सीट पर सीपीआई की टिकट पर खादिम हुसैन ने जीत हासिल कर लिया था। 1977 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट पर जनता पार्टी के कैंडिडेट कपिलदेव ठाकुर ने जीत हासिल कर लिया था। 1980 के चुनाव में जाले सीट से सीपीआई कैंडिडेट अब्दुल सलाम ने विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट लोकेश नाथ झा ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट विजय कुमार मिश्रा ने जाले की जनता का भरोसा हासिल कर लिया था।

1995 के चुनाव में अब्दुल सलाम ने सीपीआई की टिकट पर विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 2000 के चुनाव में जाले (Jale Assembly Seat) से एक बार फिर विजय कुमार मिश्रा ने बीजेपी की टिकट पर जीत का परचम लहरा दिया था। 2005 में जाले विधानसभा चुनाव में आरजेडी की टिकट पर रामनिवास प्रसाद ने जीत हासिल कर लिया था। 2010 के चुनाव में जाले सीट से बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार मिश्रा ने विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 2015 और 2020 में जाले सीट से बीजेपी के कैंडिडेट जीवेश कुमार मिश्रा ने जीत हासिल किया था। जीवेश मिश्रा बिहार सरकार में मंत्री भी बन चुके हैं। इसलिए जाले सीट पर एक बार फिर जीवेश मिश्रा का चुनाव लड़ना तय है।
Jale Assembly Seat Result 2020 ।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट पर (Jale Assembly Seat) बीजेपी उम्मीदवार जीवेश कुमार ने जीत का परचम लहराया था। जीवेश कुमार 87 हजार तीन सौ 76 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो कांग्रेस कैंडिडेट मश्कूर अहमद उस्मानी 65 हजार पांच सौ 80 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से जीवेश कुमार ने मश्कूर अहमद उस्मानी को 21 हजार सात सौ 96 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं तीन हजार पांच सौ 73 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहा था।

Jale Assembly Seat Result 2015 ।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट (Jale Assembly Seat) से बीजेपी कैंडिडेट जीवेश कुमार ने जीत हासिल की थी। जीवेश कुमार को 62 हजार 59 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट ऋषि मिश्रा को 57 हजार चार सौ 39 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से जीवेश कुमार ने ऋषि मिश्रा को 4 हजार छह सौ 20 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट मुजीब रहमान, 6 हजार सात सौ 59 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Jale Assembly Seat Result 2010 ।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट (Jale Assembly Seat) से बीजेपी कैंडिडेट विजय कुमार मिश्रा ने जीत हासिल की थी। विजय कुमार मिश्रा को 42 हजार पांच सौ 90 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट रामनिवास प्रसाद ने 25 हजार छह सौ 48 वोट हासिल किया था। इस तरह से विजय कुमार मिश्रा ने रामनिवास प्रसाद को 16 हजार नौ सौ 42 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई कैंडिडेट अहमद अली तमन्ने ने 18 हजार तीन सौ 33 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

Jale Assembly Seat Result 2005 ।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में जाले सीट (Jale Assembly Seat) से आरजेडी की टिकट पर राम निवास प्रसाद ने जीत हासिल की थी। राम निवास प्रसाद को 30 हजार चार सौ 22 वोट मिले थे तो बीजेपी कैंडिडेट विजय कुमार मिश्रा को 30 हजार दो सौ 18 वोट मिला था। इस तरह से राम निवास प्रसाद ने विजय कुमार मिश्रा को महज दो सौ चार वोट के कम अंतर से हरा दिया था। हीं सीपीआई कैंडिडेट अहमद अली तमन्ने ने 14 हजार तीन सौ 43 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

जाले सीट पर मुस्लिम, यादव, भूमिहार, ब्राह्मण, रविदास और पासवान वोटरों की अहम भूमिका है, यहां एनडीए के पास एक बड़ा सामाजिक आधार है। इसलिए 2025 में भी जाले सीट पर बीजेपी कैंडिडेट की स्थिति ज्यादा मजबूत लग रही है।