Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Nov, 2024 11:42 AM
बिहार में बेतिया राज की 15 हजार एकड़ से अधिक की भूमि और परिसंपत्तियों को राज्य की संपत्ति घोषित करने संबंधी विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पारित हो गया। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को भोजनावकाश के बाद की बैठक में...
पटना: बिहार में बेतिया राज की 15 हजार एकड़ से अधिक की भूमि और परिसंपत्तियों को राज्य की संपत्ति घोषित करने संबंधी विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पारित हो गया।
'विधेयक का उद्देश्य लोगों के व्यापक हित में 15 हजार एकड़ से अधिक भूमि...'
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को भोजनावकाश के बाद की बैठक में सदन में बेतिया राज की संपत्ति को राज्य की संपत्ति घोषित करने के लिए विधेयक पेश किया, जिसे विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित कर दिया गया। विपक्षी सदस्य भोजनावकाश से पहले की कार्यवाही के दौरान आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने और उच्च जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने के लिए संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की कथित विफलता के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गये थे। उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य लोगों के व्यापक हित में 15 हजार एकड़ से अधिक भूमि को राज्य की संपत्ति घोषित करना है।
'बेतिया राज की कुल 15215 एकड़ भूमि को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने...'
जायसवाल ने कहा, 'बेतिया एस्टेट के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह की नि:संतान मृत्यु हो जाने और संपत्ति का कोई उत्तराधिकारी नहीं होने के कारण बिहार में बेतिया राज की कुल 15215 एकड़ भूमि को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने कोर्ट ऑफ वार्ड्स को सौंप दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की 143 एकड़ भूमि भी कोर्ट ऑफ वार्ड्स को सौंप दी गई थी।' उन्होंने कहा कि बिहार ने देखा है कि भूमि पर भू-माफिया और अन्य लोग अतिक्रमण कर रहे हैं, जिनका उस पर कोई अधिकार नहीं है। मंत्री ने कहा कि भूमि पर बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, अस्पताल और विश्वविद्यालय के अलावा अन्य संस्थान खोले जाएंगे, जिन्हें राज्य की संपत्ति घोषित की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के कदम लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।
जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में बेतिया राज की भूमि पर रहने वालों को न्यायालय में चुनौती देने का अवसर दिया जाएगा, जिसका निपटारा निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाएगा। जहां तक उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की 143 एकड़ जमीन का सवाल है तो विधेयक के राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों से मंजूरी के बाद कानून का रूप लेने के बाद बिहार सरकार इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि जमीन के अलावा बेतिया राज की अन्य संपत्तियां भी राज्य की संपत्ति घोषित की जाएंगी। बता दें कि बिहार में बेतिया राज की जमीन ज्यादातर पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में फैली हुई है। वहीं, कुछ भूखंड सारण, सीवान, गोपालगंज और पटना जिलों में भी हैं। उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की जमीन इलाहाबाद, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, मिर्जापुर और वाराणसी में फैली हुई है।