जल संसाधन विभाग ने कहा- पुल हादसे के दोषी अभियंताओं और संवेदक पर होगी कार्रवाई, ठेकेदार से वसूला जाएगा पुल का खर्च

Edited By Swati Sharma, Updated: 04 Jul, 2024 06:28 PM

action will be taken against the engineers responsible for the bridge accident

बिहार के सिवान और सारण जिले में पिछले 2 दिनों में छाड़ी / गंडकी नदी पर अवस्थित 6 अदद् पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, इसके बाद जल संसाधन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग ने कार्यान्वयन से संबंधित एजेंसी और अभियंताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए...

पटनाः बिहार के सिवान और सारण जिले में पिछले 2 दिनों में छाड़ी / गंडकी नदी पर अवस्थित 6 अदद् पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, इसके बाद जल संसाधन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग ने कार्यान्वयन से संबंधित एजेंसी और अभियंताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। साथ ही कहा है कि इन पुलों के निर्माण पर होने वाले व्यय की वसूली संवेदक से की जाएगी।

जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि 3 और 4 जुलाई  को सिवान एवं सारण जिलों में छाड़ी / गंडकी नदी पर अवस्थित 06 अदद् पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं। माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा वर्ष 2023 में गोपालगंज जिला में किए गए समाधान यात्रा के दौरान प्राप्त आवेदनों का संज्ञान लेते हुए गोपालगंज, सिवान एवं सारण जिलों से प्रवाहित होने वाले छाड़ी / गंडकी नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ-साथ नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के संयुक्त उ‌द्देश्य से जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक अकाली नाला (छाड़ी)-गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना का कार्यान्वयन कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत गंडक नदी के अधिशेष जल को छाडी नदी गंडकी नदी माही (डबरा) नदी के माध्यम से गंगा नदी में प्रवाहित किया जाना है। रू0 69.89 करोड की लागत राशि से इस योजना के तहत लगभग 170 कि०मी० की लम्बाई में 19 मी० चौड़ाई तथा औसत गहराई 03 मी० में गाद निकासी (Desiltation) कार्य कराया जाना है। इस योजना को मार्च, 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। छाड़ी नदी के प्रवाह को अविरल होने से इस क्षेत्र में बाढ़ आपदा न्यूनीकरण में मदद मिलेगी एवं इस क्षेत्र के जलीय पारिस्थितिकी के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।

"उड़नदस्ता संगठन को दिया गया जांच का आदेश"
विभाग द्वारा ये भी कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कार्य के कार्यान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं के द्वारा इस नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने हेतु एहतियातन कदम नहीं उठाया गया तथा समुचित तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं किया गया। साथ ही कार्यकारी संवेदक के स्तर से भी लापरवाही बरती गयी। यह भी प्रतीत होता है कि संरचनाओं के Pier & Abutment के समीप तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के उपरान्त ही खुदाई कार्य किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया, जिसके लिए कार्यान्वयन से संबंधित अभियंता प्रथम द्रष्टया जवाबदेह दिखते है। इन पुल / पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लिया गया है तथा इसकी जांच का आदेश उड़नदस्ता संगठन को दिया गया है। उड़नदस्ता दल स्थल पर पहुंच चुका है तथा उनके द्वारा जांच की जा रही है।

"दोषी अभियंताओं पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई"
विभाग ने कहा कि कार्यान्वयन से संबंधित दोषी अभियंताओं को चिन्हित कर एवं संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छाड़ी नदी पर आवागमन सुनिश्चित करने हेतु नये पुलों के निर्माण कार्य की स्वीकृति युद्धस्तर पर एक सप्ताह के अन्दर प्रदान किया जाएगा। इन पुलों के निर्माण पर होने वाले व्यय की वसूली संवेदक से की जाएगी।
 

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