Edited By Ramanjot, Updated: 06 Aug, 2025 07:55 PM

बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को एवोकाडो की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है।
पटना:बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को एवोकाडो की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है। कृषि विभाग ने एवोकाडो (Avocado) नर्सरी की स्थापना करने के इच्छुक किसान/पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर से ऑनलाइन आवेदन (2025-26) मांगा है। राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन 2025-26 के तहत चलाई जा रही इस योजना में ऑनलाइन आवेदन केवल चार जिलें मुजफ्फरपुर, नालंदा, बेगूसराय और पूर्णिया के किसान/ पब्लिक/ प्राइवेट सेक्टर कर सकते हैं।
इन जिलों के किसान/ पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर वेबसाइट https://onlinedbtagriservice.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना का मकसद बिहार में एवोकाडो की खेती को बढ़ावा देना है। योजना के तहत किसानों को नर्सरी स्थापित करने के लिए सरकार से बीस लाख रुपये की मदद मिलेगी।
आवेदन करने के लिए किसान/पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। साथ ही उनका डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। आवेदकों को अपनी जमीन के कागजात, पासपोर्ट साइज फोटो और नर्सरी स्थल का जियो-टैग्ड फोटो अपलोड करना होगा। एससी/एसटी वर्ग के किसानों को आवेदन करते समय अपना जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा।
आवेदक को अपने आवेदन में नर्सरी संबंधित प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, ले आउट प्लान, एवं बैंक द्वारा ऋण लेने का सहमति पत्र/ ऋण प्राप्ति प्रतिवेदन ऑनलाईन अपलोड करना अनिवार्य है।
आवेदन चयन के बाद कार्यादेश निर्गत होने के 3 माह के अंदर आधारभूत संरचना के कार्य पूर्ण होने पर प्रथम किस्त के रूप में दस लाख रूपये एवं दूसरी किस्त मुख्यालय स्तर पर गठित टीम के जांच प्रतिवेदन के आधार पर शेष राशि दस लाख रूपये की विमुक्ति दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक प्लांटिंग मैटिरियल का उत्पादन प्रारंभ होने के पश्चात किया जाएगा। फरवरी 2026 तक कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जाएगा।
देश में चल रहा है राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन
देश में खाद्य तेलों और तिलहन के उत्पादन को बढ़ाकर आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत सरकार देश में राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन चला रही है। यह मिशन 2021-22 में शुरू किया गया था और 2025-26 तक जारी रहेगा। इस मिशन का प्रमुख मकसद तेल आयात में कमी लाना है। भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरत का 60% से अधिक आयात करता है। इस मिशन के जरिए तिलहन उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता को घटाना है। इसके साथ ही इस मिशन के जरिए देश में किसानों की आय को बढ़ाने और खेती में उन्नत तकनीक को बढ़ावा देने की भी कोशिश की जा रही है।
इस मिशन का लक्ष्य प्रमुख तिलहन फसलें सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, सूरजमुखी, नाइजर सीड्स (रामतिल) आदि के उत्पादन को बढ़ाना है। इसके साथ ही वैकल्पिक तेल फसलें जैतून, अरण्डी, एवोकाडो और पाम ऑयल जैसी फसलों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।