Edited By Ramanjot, Updated: 06 Aug, 2025 07:24 PM

बिहार सरकार किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
पटना:बिहार सरकार किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य में कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा के लिए "सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना (2025-26)" योजना के तहत अनुदान पर कस्टम हायरिंग सेंटर/ फार्म मशीनरी बैंक/ स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए कृषि विभाग ने 25 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन मांगा है।
इस योजना के तहत जीविका समूह / ग्राम संगठन / क्लस्टर फेडरेशन से संबंद्ध फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप, नाबार्ड / राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब,फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ), फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी), स्वयं सहायता समूह एवं पैक्स आदि अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए किसानों को वेबसाइट https://farmmech.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
तीन श्रेणियों मिल रहा अनुदान
पहली श्रेणी में सभी जिलों के किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) योजना के तहत 10 लाख रुपये तक की लागत के साथ 35 बीएचपी तक के ट्रैक्टर पर अधिकतम 1.60 लाख रुपये एवं अन्य यंत्रों पर 40 फीसदी का अनुदान मिल रहा है, जो ट्रैक्टर पर अनुदान राशि सहित कुल अधिकतम 4.00 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।
दूसरी श्रेणी में सभी जिलों जिलों के किसानों को कृषि यंत्र बैंक की स्थापना योजना के तहत 10 लाख रुपये तक की लागत के साथ 35 बीएचपी एवं इससे ऊपर के ट्रैक्टर पर अधिकतम 2.40 लाख रुपये एवं अन्य यंत्रों पर 80 फीसदी का अनुदान मिल रहा है, जो कि ट्रैक्टर पर अनुदान सहित कुल अधिकतम 8 लाख रुपए होगा।
वहीं तीसरी श्रेणी में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना योजना शामिल है। यह रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, पटना, पश्चिम चंपारण, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, लखीसराय, शेखपुरा, अररिया, गया, नवादा और जहानाबाद जिले के किसानों के लिए है। इसके तहत 20 लाख रुपए तक की लागत के साथ 55 पीटीओ एचपी तक के ट्रैक्टर पर 40 फीसदी अधिकतम 3.40 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। वहीं फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कम से कम तीन यंत्रों पर 80 फीसदी तक का अनुदान मिल रहा है जो कि अधिकतम 12 लाख रुपया है।
योजना से उत्पादन लागत होगी कम
इस योजना से किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों तक पहुंच आसान होगी। साथ ही इससे किसानों को उत्पादन लागत कम करने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत ट्रैक्टर, बीजारोपण मशीन, और अन्य यंत्रों की खरीद के लिए अनुदान दिया जाएगा। कृषि विभाग के अनुसार, यह योजना किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है, जो उनकी आय बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।