Edited By Ramanjot, Updated: 18 Feb, 2025 03:27 PM
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बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वेटिंग लिस्ट में छूटे लाभुकों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस बार सरकार ने योजना के नियमों में बड़ा बदलाव
पटना: बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वेटिंग लिस्ट में छूटे लाभुकों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस बार सरकार ने योजना के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए लाभार्थियों के लिए जॉब कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। इस फरमान के बाद राज्यभर में ब्लॉक कार्यालयों में जॉब कार्ड बनवाने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है। लेकिन इसी बीच, अवैध वसूली के आरोप भी सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
मुजफ्फरपुर में फूटा गुस्सा, प्रखंड कार्यालय का घेराव
मुजफ्फरपुर जिले के महमदपुर बलमी पंचायत में जॉब कार्ड बनवाने में हो रही धांधली और रिश्वतखोरी के खिलाफ सोमवार को सैकड़ों लोगों ने प्रखंड कार्यालय से बिजली विभाग तक जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने लाठी-डंडों और तख्तियों के साथ आवास सहायक, रोजगार सेवक और बिजली विभाग के कर्मचारियों पर धांधली के आरोप लगाए।
गुस्साए लोगों का कहना था कि लंबे समय के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची तैयार हो रही है, लेकिन इसमें नाम जोड़ने के लिए जॉब कार्ड की अनिवार्यता कर दी गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सेवक पंचायत में आते ही नहीं, और ब्लॉक ऑफिस जाने पर लोगों को बेवजह दौड़ाया जाता है। जॉब कार्ड बनाने के लिए 2,000 से 4,000 रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है।
कार्रवाई की मांग, अधिकारी बेखबर
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद बीडीओ (खंड विकास पदाधिकारी) कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। लोगों ने प्रशासन से धांधली में शामिल कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाने की मांग की है। बिहार में इस तरह की घटनाएं सरकार की योजनाओं के पारदर्शिता के दावों पर सवाल खड़ा कर रही हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है और आम जनता को न्याय कैसे मिलता है।