Edited By Swati Sharma, Updated: 07 Dec, 2024 06:43 PM
बिहार में भू-जल की अनुपलब्धता वाले क्षेत्रों में सतही जल से सालोभर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए प्रस्तावित बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के जल स्रोत के लिए चिह्नित नदियों/ डैम/ जलाशय से जल उपलब्ध...
पटना: बिहार में भू-जल की अनुपलब्धता वाले क्षेत्रों में सतही जल से सालोभर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए प्रस्तावित बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के जल स्रोत के लिए चिह्नित नदियों/ डैम/ जलाशय से जल उपलब्ध कराने और उसके उपयोग हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने से जुड़े बिंदुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए सिंचाई भवन, पटना में कल शाम एक महत्वपूर्ण बैठक जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल की अध्यक्षता में हुई। इसमें लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार के साथ दोनों विभागों के मुख्यालय स्तर के वरीय अधिकारी मौजूद थे तथा क्षेत्रीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
प्रस्तावित बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लिए चिह्नित नदी जल स्रोतों के अंतर्गत अधौरा प्रखंड के लिए कर्मनासा और सोन नदी, महम्मदपुर (मुरौल एवं मुशहरी प्रखंड) के लिए बूढ़ी गंडक नदी, वाल्मीकि नगर (बगहा-2 प्रखंड) के लिए गंडक नदी, छातापुर प्रखंड में सुरसर नदी, शाम्हो प्रखंड, कहलगांव, सनहौला, सबौर, जगदीसपुर, गोराडीह के लिए गंगा नदी और बरहरा कोठी प्रखंड के लिए कोसी नदी के जल के उपयोग से जुड़े बिंदुओं पर बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। इसमें जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं और कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित किया गया कि उपरोक्त चिह्नित नदी जल स्रोतों पर जल की उपलब्धता की जांच संयुक्त रूप से करके संयुक्त प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएं। संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने से संबंधित अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
प्रस्तावित बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लिए चिह्नित डैम/ जलाशय के अंतर्गत मुंगेर (हवेली खड़गपुर प्रखंड) के लिए खड़गपुर झील, नवादा (मेसकौर प्रखंड) के लिए फुलवारीया डैम, बांका (बलहर, चानन प्रखंड) के लिए बदुआ जलाशय और कैमूर (अधौरा प्रखंड) के लिए दुर्गावती डैम के जल के उपयोग से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा बताया गया कि सिंचाई उपयोग के लिए मानसून अवधि में गंगा नदी का अधिशेष जल लिफ्ट कर खड़गपुर झील और बदुआ जलाशय में जमा करने की योजना तैयार की जा रही है। इस पर तय किया गया कि उक्त योजना के स्कोप ऑफ वर्क में पेयजल उपयोग की आवश्यकता को भी जोड़ कर प्रावधान किया जाये। जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त योजना के पूर्ण होने के बाद लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को आवश्यक जलापूर्ति उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।
'ग्रीष्म अवधि में इस जलाशय में पानी न्यूनतम लेबल से नीचे चला जाता है'
बैठक में उपस्थित मुख्य अभियंता, बिहारशरीफ द्वारा सूचित किया गया कि पूर्व से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा फुलवारीया डैम से जलापूर्ति की जा रही है। ग्रीष्म अवधि में इस जलाशय में पानी न्यूनतम लेबल से नीचे चला जाता है। इसलिए ग्रीष्म अवधि में इस डैम के डाउन स्ट्रीम में नदी से जल स्रोत निर्धारित कर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा जल प्राप्त किया जा सकेगा। बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा मोहनिया और कैमूर जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन की सूचना दी गई। इस संबंध में निदेशित किया गया जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभागों के संबंधित अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता स्थल निरीक्षण कर चिह्नित जल स्रोत एवं जल की उपलब्धता के संबंध में संयुक्त प्रतिवेदन समर्पित करेंगे।