Edited By Ramanjot, Updated: 07 Jul, 2025 08:32 PM

बिहार में एकीकृत आपातकालीन सेवा डायल-112 (ERSS) ने अपनी सफल शुरुआत के 3 साल पूरे कर लिए हैं। इन तीन साल में इस सेवा ने राज्य भर में 40 लाख से अधिक लोगों को त्वरित मदद पहुंचाकर आपातकालीन सेवाओं का नया कीर्तिमान बनाया है।
पटना:बिहार में एकीकृत आपातकालीन सेवा डायल-112 (ERSS) ने अपनी सफल शुरुआत के 3 साल पूरे कर लिए हैं। इन तीन साल में इस सेवा ने राज्य भर में 40 लाख से अधिक लोगों को त्वरित मदद पहुंचाकर आपातकालीन सेवाओं का नया कीर्तिमान बनाया है। इस मौके डीजीपी विनय कुमार पुलिसकर्मियों को सम्म्मानित किया। विनय कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग औसतन 15 मिनट में सहायता पहुंचाता है। वहीं, हर दिन 65 हजार कॉल रिसीव करता है।
कॉल रिस्पॉन्स मामले में दूसरे नंबर पर बिहार
बिहार में जब से डायल 112 की शुरुआत की गई है तब से अब तक बिहार ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। संकट के दौरान मांगी की मदद के आधार पर रिस्पॉन्स का गई कॉल्स इन आंकड़ों के लिहाज से बिहार, देश में कॉल रिस्पॉन्स के मामले में दूसरे स्थान पर है। डायल-112 को एकल हेल्पलाइन के रूप में विकसित किया गया है, जो पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, हाईवे पेट्रोलिंग और डिजास्टर सेवाओं को एकीकृत करता है।
सेवा की मुख्य उपलब्धियां
40 लाख+ नागरिकों को त्वरित आपातकालीन सहायता
1833 आपात वाहन (1283 चारपहिया, 550 दोपहिया)
हर दिन औसतन 6,000 नागरिकों को मदद
15 मिनट का औसत रिस्पॉन्स टाइम
119 वाहन हाईवे पेट्रोलिंग में शामिल
किस-किस को मिली मदद
श्रेणी |
मामलों की संख्या |
घरेलू हिंसा, महिला-बच्चा अपराध |
3.57 लाख+ |
स्थानीय विवाद व हिंसा |
: 21.79 लाख+ |
सड़क दुर्घटनाएं |
1.84 लाख+ |
आगलगी |
1.15 लाख+ |
महिलाओं के लिए ‘सुरक्षित सफर सुविधा’
डीजीपी ने जानकारी दी कि सितंबर 2024 में ‘सुरक्षित सफर सुविधा’ की शुरुआत की गई थी। यह योजना के तहत जोे महिलाएं अकेली यात्रा करती हैं, उनके लिए सुरक्षा दीवार साबित हुई है। महिलाएं अपनी यात्रा की जानकारी साझा पुलिस से साझा कर तकनीकी निगरानी में सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच रहीं हैं। जरूरत पड़ने पर तुरंत ERV भेजी जाती है। बिहार महिलाओं को ऐसा सुरक्षा कवच देने वाला देश का तीसरा राज्य है।
महिला पुलिस की अगुवाई में ऑपरेशन
गौर करने वाली बात ये कि पटना के कॉल टेकर सेंटर का संचालन भी महिला पुलिसकर्मियों की ओर से ही किया जा रहा है। जो महिलाओं के लिए सेवा को संवेदनशील और प्रभावी बना रहीं हैं। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी प्रभावशाली पहल साबित हो रहा है। जिसका लाभ पूरे बिहार की महिलाओं को मिल रहा है।
संकट मोचन' बना डायल 112
बिहार पुलिस की डायल-112 सेवा अब हर संकट का समाधान बन गया है। इस सेवा ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक, त्वरित रिस्पॉन्स और मानवीय संवेदनाओं के मेल से सुरक्षा का सशक्त आपातकालीन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता है। यानी अब बिहार के नागरिकों को संकट के समय अलग-अलग नंबर नहीं, सिर्फ एक नंबर - 112 की ज़रूरत है।