मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता से बिहार के किसान हो रहे हैं समृद्ध, राज्य की तरक्की में दे रहे योगदान

Edited By Ramanjot, Updated: 05 Nov, 2022 04:04 PM

bihar s farmers are getting prosperous due to vision of cm nitish

‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के जरिए किसानों को सहायता पहुंचाने के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक बहुत बड़ी सोच है। दरअसल, बिहार की अधिकांश आबादी आज भी कृषि पर ही निर्भर है और अगर उन्हें इस पेशे में लगातार नुकसान होता है तो वो इसे छोड़कर पलायन...

पटनाः बिहार में हर साल बाढ़, सुखाड़ और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि उत्पादन में भी भारी गिरावट आती है। ऐसे में इस समस्या के निदान और किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना को चलाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें तुरंत सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि आने वाले सीजन में आपदाओं की दर्द झेल रहे किसान एक बार फिर से सही तरीके से खेती कर सकें।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता
‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के जरिए किसानों को सहायता पहुंचाने के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक बहुत बड़ी सोच है। दरअसल, बिहार की अधिकांश आबादी आज भी कृषि पर ही निर्भर है और अगर उन्हें इस पेशे में लगातार नुकसान होता है तो वो इसे छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हो जाते हैं। इसी पलायन को रोकने और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए नीतीश कुमार चाहते हैं कि कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाए। यही वजह है कि बिहार सरकार इस योजना को चला रही है। इतना ही नहीं इस योजना का लाभ मिलने में किसानों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है इसके लिए खुद मुख्यमंत्री समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग भी करते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता ही है कि आज बिहार के किसान समृद्धि के पथ पर अग्रसर हैं और जो लोग कृषि छोड़कर बिहार से बाहर पलायन कर रहे थे वो अब बिहार की तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं।

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योजना की पड़ताल, क्या कह रहे हैं किसान
सहरसा के कहरा प्रखंड के एक किसान राकेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार की इस योजना का किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। राकेश ने कहा कि हर साल कभी सूखा तो कभी ओलावृष्टि की वजह से कई बीघा फसल बर्बाद हो जाती है। उन्होंने कहा कि पहले जब सरकार की ओर से सहायता नहीं मिलती थी तो आगे की खेती में भी काफी परेशानी होती थी, लेकिन जब से सरकार की ओर से फसल क्षतिपूर्ति मिलने लगी है तब से काफी परेशानी दूर हो गई है। एक अन्य किसान अरविंद शर्मा ने कहा कि-पहिने ते खेती कर्जे लेS के करै रहिए...लेकिन जहिया से नीतीश बाबू पैसा दिए लागले तहिया से कर्जा नै लै छिए...(पहले तो कर्ज लेकर ही खेती करते थे, लेकिन जब से नीतीश बाबू पैसा देने लगे तब से कर्ज नहीं ले रहे हैं)।           

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अब आपको बताते हैं कि ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है। इसका मूल्यांकन किस आधार पर किया जाता है और आप कैसे आवेदन कर सकते हैं।   

सहायता राशि का मूल्यांकन
• अधिकतम 02 हेक्टेयर भूमि के लिए सहायता राशि दी जाती है।
• 20 प्रतिशत तक फसल के नुकसान होने पर 7,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम 15000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है।
• 20 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान की स्थिति में 10000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम 20000 रुपए सहायता राशि का लाभ दिया जाता है।

योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
•इस योजना का लाभ लेने के लिए आपके पास कृषि विभाग का निबंधन संख्या (Registration No) होना अनिवार्य है।
•इस योजना के तहत आच्छादन के लिए सभी इच्छुक किसानों को हर एक मौसम में ऑनलाइन निबंधन (रजिस्ट्रेशन) कराना जरूरी है। 

ऐसे करें आवेदन
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ लेने के लिए सहकारिता विभाग के ऑनलाइन पोर्टल - https://pacsonline.bih.nic.in/fsy/Login.aspx पर जाकर आवेदन करें।      

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