Edited By Ramanjot, Updated: 23 Sep, 2023 01:23 PM

केंद्र सरकार ने लोकसभा और राजसभा से इस विधेयक को पारित करवा लिया है। इसके बाद से विधेयक के पारित होने के श्रेय को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि केंद्र सरकार ने ऐसा ऐतिहासिक...
पटना: देश की राजनीति इन दिनों महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन विधेयक के पारित होने को लेकर श्रेय लिए जाने के लिए गरमाई हुई है।
विधेयक को लाने का अइडिया भाजपा का नहीं: विपक्ष
केंद्र सरकार ने लोकसभा और राजसभा से इस विधेयक को पारित करवा लिया है। इसके बाद से विधेयक के पारित होने के श्रेय को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि केंद्र सरकार ने ऐसा ऐतिहासिक काम किया है, जो आजादी के 75 साल के बाद भी कोई पार्टी नहीं करा पाई थी। वहीं, विपक्ष का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक को लाने का अइडिया भाजपा का नहीं है और न ही यह उनकी सोच रही है इसलिए उन्हें विधेयक के पारित होने का श्रेय नहीं लेना चाहिए।
लोकसभा चुनाव के पहले ही लागू हो विधेयक: विजय चौधरी
बिहार के वित्त मंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने भी महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केंद्र सरकार के सामने कई मांगे रखी है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले ही लागू किया जाए। इसमें पिछड़े, अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण का अगल से प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण का जदयू ने समर्थन किया है लेकिन महिला आरक्षण में दो शर्त रखे गए हैं, जो संदेह पैदा करते हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि जनगणना और परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण विधेयक लागू होगा।