Edited By Ramanjot, Updated: 11 Jul, 2025 09:31 PM

अब बिहार में निजी कंपनियां अपने सामाजिक सरोकार दायित्व के तहत जन कल्याणकारी योजनाओं में राशि खर्च कर सकेंगी। इसके लिए वित्त विभाग के स्तर से बिहार राज्य कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) नीति, 2025 से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।
पटना:अब बिहार में निजी कंपनियां अपने सामाजिक सरोकार दायित्व के तहत जन कल्याणकारी योजनाओं में राशि खर्च कर सकेंगी। इसके लिए वित्त विभाग के स्तर से बिहार राज्य कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) नीति, 2025 से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले राज्य कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई थी।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्रेस प्रतिनिधियों को शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि सीएसआर सोसाइटी का गठन कर दिया गया है। इस निबंधन भी जल्द करा लिया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके शासी निकाय का गठन कर लिया गया है। इसमें विकास आयुक्त उपाध्यक्ष, वित्त विभाग के प्रधान सचिव सदस्य सचिव के अलावा 21 अलग-अलग विभागों के अपर मुख्य सचिव के अलावा प्रधान सचिव या सचिव को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यकारिणी समिति भी बनाई गई है, जो इसकी गतिविधि पर निरंतर नजर रखेंगी।
आनंद किशोर ने बताया कि सीएसआर पोर्टल तैयार हो गया है। जल्द ही उप-मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी इसका विमोचन करेंगे। इस पोर्टल में तमाम नियमों की जानकारी के अलावा उन सभी 13 गतिविधियों समेत उन सरकारी योजनाओं की भी विस्तार से जानकारी रहेगी, जिसमें कोई कंपनी सीएसआर के जरिए निवेश कर सकते हैं। अगर किसी परियोजना में निवेश के बाद कोई कंपनी इसकी देखभाल भी करना चाहती है, तो उसकी जिम्मेदारी भी उसे दी जा सकती है। यह पोर्टल एक तरह से कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित करने का काम करेगा। जल्द ही बिहार में इसे लेकर एक भव्य सेमिनार भी आयोजित कराया जाएगा। इसमें सभी प्रमुख कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में सीएसआर के जरिए निवेश की काफी संभावनाएं हैं। जिन कंपनियों का कुल परिसंपत्ति 500 करोड़ रुपये या वार्षिक टर्न ओवर 1 हजार करोड़ या इससे अधिक या कुल मुनाफा 50 करोड़ रुपये है, तो वैसी कंपनियां अपने तीन वर्ष के मुनाफा का दो प्रतिशत सीएसआर मद में खर्च कर सकते हैं। इस तरह की 24 हजार 932 कंपनियां हैं, जो सीएसआर कर सकती हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29 हजार 727 करोड़ रुपये कंपनियों ने सीएसआर में खर्च किया था। परंतु इसमें महज एक फीसदी ही बिहार में खर्च हुआ है। जबकि नियमानुसार कम से कम 10 फीसदी राशि बिहार में खर्च होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में टॉप-10 ऐसी कंपनियां भी हैं, जो सीएसआर करने के लिए एकदम उपर्युक्त हैं, लेकिन समुचित नीति के अभाव में इनके सीएसआर फंड का बड़ा हिस्सा दूसरे राज्यों में होता था। अब इनका निवेश बिहार में अधिक से अधिक हो सकेगा।