Edited By Ramanjot, Updated: 14 Jan, 2025 04:07 PM
मंत्री ने बताया कि बिहार की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से बिहार ज्ञान, मोक्ष एवं शांति की भूमि रही है। झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया...
पटना: बिहार के सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में स्वर्णिम भारत : विरासत एवं विकास की थीम पर बिहार की झांकी प्रदर्शन के लिए चयनित की गई है। हजारी ने मंगलवार को संवादाता सम्मेलन में बताया कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह 2025 के अवसर पर झांकी के लिए निर्धारित विषय वस्तु ‘स्वर्णिम भारत विरासत एवं विकास की थीम पर रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित गंणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर बिहार सरकार की झांकी को प्रदर्शन के लिए चयनित की गई है।
बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को किया गया प्रदर्शित
मंत्री ने बताया कि बिहार की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से बिहार ज्ञान, मोक्ष एवं शांति की भूमि रही है। झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है। भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में अवस्थित है, जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है।
बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध
हजारी ने बताया कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। झांकी में प्राचीन नालन्दा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहांं ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे। नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं। इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। बिहार सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों से नालन्दा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है। यह स्थल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार बिहार की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने बताया कि मूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्राचीन नालन्दा के भग्नावशेषों सहित अन्य धरोहरों को संजोने के साथ-साथ उस क्षेत्र का समेकित विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक यहां आएं एवं बिहार की विरासत से रूबरू हो सकें। हजारी ने बताया कि प्राचीन नालंदा को ज्ञान केन्द्र के रूप में पुर्नस्थापित करने की द्दष्टि से राजगीर में ही अन्तरराष्ट्रीय नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय की वास्तुकला पर आधारित इस आधुनिक संरचना में सारिपुत्र स्तूप, गोपुरम प्रवेश द्वार तथा पारम्परिक बरामदे की अवधारणा को दर्शाया गया है। पर्यावरण संरक्षण के द्दष्टिकोण से निर्मित इन संरचनाओं से यह विश्वविद्यालय कार्बन न्यूट्रल तथा नेटजीरो कैम्पस के रूप में स्थापित हुआ है।
मंत्री ने बताया कि नवनिर्मित नालन्दा विश्वविद्यालय का लोकार्पण बिहार के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रधानमंत्री ने 19 जून 2024 को किया है। विरासत के साथ विकास की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में बिहार सरकार ने नालन्दा में राजगीर खेल परिसर तथा बिहार खेल विश्वविद्यालय की भी स्थापना की है। इसी वर्ष राजगीर खेल परिसर में बिहार वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन सफलता पूर्वक किया गया जिसकी राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना की गई। हजारी ने बताया कि बिहार सरकार की झांकी के माध्यम से ज्ञानभूमि नालन्दा की प्राचीन विरासत एवं उसके संरक्षण के लिए किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों को दर्शाने की कोशिश की गई है। साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से बिहार को पुन: शिक्षा के मानचित्र पर वैश्विक रूप में स्थापित करने के प्रयास को दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त भगवान बुद्ध की अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने के बिहार सरकार के अनूठे प्रयास को भी दर्शाया गया है।