Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jul, 2025 07:10 PM
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सामाजिक न्याय और जनकल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी है।
पटना:बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सामाजिक न्याय और जनकल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी है। इसी सोच का एक सशक्त उदाहरण है सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, जो प्रदेश के बुजुर्ग नागरिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा की मजबूत ढाल बनी है। खासकर 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को यह योजना सम्मानजनक जीवन जीने का हक दिला रही है।
वृद्धजन समाज का अनमोल हिस्सा : मुख्यमंत्री
नीतीश सरकार के मूलमंत्र ‘बुजुर्गों की सेवा-समाज की असली सेवा’ के तहत राज्य के 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के कुल 13 लाख 43 हजार 311 वृद्ध पेंशनधारक के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक होगा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राशि उनके बैंक खातों में भेजेंगे। यह पहली बार होगा कि जब लाभार्थियों को 400 रुपये की जगह 1100 रुपये यानी करीब तीन गुना बढ़ी हुई पेंशन की राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि “वृद्धजन समाज का अनमोल हिस्सा है और उनका सम्मानजनक जीवनयापन सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील रहेगी।“
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 जुलाई को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1 करोड़ 11 लाख से अधिक लाभार्थियों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से पेंशन की राशि उनके बैंक खातों में भेजेंगे। इनमें 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के 13 लाख 43 हजार 311 पेंशनधारियों को बड़ा तोहफा देंगे। इनमें 6 लाख 66 हजार 70 पुरुष और 6 लाख 76 हजार 929 महिलाएं शामिल हैं। विशेष बात ये है कि 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के 312 ट्रांसजेंडर्स को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
मधुबनी में 80 साल के सर्वाधिक पेंशनधारक
सभी छह पेंशन योजनाओं में 80 साल या उससे अधिक आयु के पेंशनधारकों की सर्वाधिक संख्या मधुबनी जिले में है, जहां कुल 73 हजार 926 लाभुक हैं। इनमें 35 हजार 302 पुरुष और 38 हजार 620 महिलाओं के साथ 4 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर में 80 साल या उससे अधिक आयु के 63 हजार 357 लाभार्थी हैं। इनमें 32 हजार 923 पुरुष, 30 हजार 428 महिलाएं और 6 ट्रांसजेंडर हैं। वैशाली में 61 हजार 378 लाभुक हैं, इनमें 30 हजार 832 पुरुष और 30 हजार 532 महिलाएं शामिल हैं। इनमें 14 ट्रांसजेंडर पेंशनधारक भी हैं। वहीं, पटना में 59 हजार 567 लाभुक हैं। इनमें 28 हजार 830 पुरुष, 30 हजार 723 महिला और 14 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। समस्तीपुर में कुल 58 हजार 882 लाभुक हैं। इनमें 28 हजार 698 पुरुष, 30 हजार 175 महिला और 9 ट्रांसजेंडर हैं। इसके बाद पूर्वी चंपारण में 80 साल या उससे अधिक आयु के कुल 58 हजार 555 लाभार्थी हैं। इनमें 30 हजार 342 पुरुष, 28 हजार 203 महिला और 10 ट्रांसजेंडर हैं, जिनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि का वितरण किया जाएगा।
जमुई में सर्वाधिक ट्रांसजेंडर
बिहार में 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के कुल 312 ट्रांसजेंडर पेंशनधारक हैं। इनमें सर्वाधिक 69 ट्रांसजेंडर जमुई जिले में हैं, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। इसके बाद नालंदा में 22, सीतामढ़ी में 17, सुपौल, पटना, पश्चिम चंपारण में 14, गया में 13, रोहतास में 12, सारण, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, भोजपुर में 10 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। वहीं, समस्तीपुर में 9, कटिहार और पूर्णिया में 7, मुजफ्फरपुर और खगड़िया में 6, बक्सर में 5, सुपौल, सहरसा, मधुबनी, गोपालगंज, भागलपुर और अररिया में 4, बेगूसराय में 3, अरवल, शेखपुरा और लखीसराय में 2, दरभंगा, मधेपुरा और मुंगेर में 1 ट्रांसजेंडर के बीच राशि का वितरण किया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना कार्यक्रम का आयोजन व्यापक स्तर पर होने जा रहा है। शुक्रवार को राज्य के कुल 85 हजार 12 जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन होगा। इनमें वैशाली में सर्वाधिक 10 हजार 146 स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद गया में 6 हजार 600, समस्तीपुर में 5 हजार 309, नालंदा में 4 हजार 792, सारण में 4 हजार 676, रोहतास में 3 हजार 646, कटिहार में 3 हजार 300, औरंगाबाद में 3 हजार 40, मधेपुरा में 2 हजार 950, भागलपुर में 2 हजार 847, नवादा में 2 हजार 786, पूर्वी चंपारण में 2 हजार 493 स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इन सभी कार्यक्रमों में राज्य सरकार की ओर से 66 लाख 71 हजार 969 लाभुकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।