Edited By Ramanjot, Updated: 10 Apr, 2025 05:55 PM

विश्व होमियोपैथी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दक्षिण बिहार में जल्द नया होमियोपैथी कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना होगी।
पटना:विश्व होमियोपैथी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दक्षिण बिहार में जल्द नया होमियोपैथी कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि यह संस्थान चालू वित्तीय वर्ष में ही शुरू हो जाएगा। राज्य में 64 वर्ष बाद एक नए होमियोपैथी कॉलेज की स्थापना होने जा रही है। राज्य आयुष समिति की तरफ से गुरुवार को शहर के शास्त्रीनगर स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में आयोजित डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती समारोह एवं वैज्ञानिक सेमिनार को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। राज्य में 86 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे।

मंत्री ने कहा कि 121 करोड़ की लागत से मुजफ्फरपुर में 200 बेड के एक आधुनिक होमियोपैथी अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसका उद्घाटन भी जल्द किया जाएगा। अब तक यह राज्य का एकमात्र सरकारी होमियोपैथी अस्पताल है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से होमियोपैथी डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती मनाई जाती है, इसी तरह भारत में होमियोपैथी के जनक माने जाने वाले बाबू राजेन्द्र लाल दत्ता और बिहार में इसकी नींव रखने वाले बी. भट्टाचार्य की जयंती भी मनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार समाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है। समाज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए नित्य नए प्रयोग किए जा रहे हैं। नई योजनाएं चलाई जा रही हैं। स्वस्थ और विकसित बिहार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिन रात कार्य कर रहे है।
उन्होंने कहा की एलोपैथी के बाद यदि किसी चिकित्सा पद्धति की समाज में सर्वाधिक स्वीकार्यता है, तो वह होमियोपैथी है। यह किफायती होने के साथ ही प्रभावी भी है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों का इस पर सहज विश्वास होता है। मंत्री ने बताया कि पटना के कदमकुआं स्थित 10 बेड वाले होमियोपैथी अस्पताल में रोजाना लगभग 200 मरीज इलाज के लिए आते हैं। राज्य में इस वर्ष जनवरी में 2901 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है, जिनमें से 951 होमियोपैथी चिकित्सक शामिल हैं।

विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोविड-19 के दौरान आयुष चिकित्सा पद्धति के भूमिका की सराहना की। कहा कि कोरोना में लोगों को होमियोपैथी दवाओं से लाभ मिला है। सरकार का प्रयास होगा कि आयुष क्षेत्र को अन्य सेक्टरों के बराबर प्राथमिकता मिले। इस कार्यक्रम के दौरान आयुष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 12 होमियोपैथी चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। साथ ही इस अवसर पर होमियोपैथी से जुड़ी नवीनतम शोध और चिकित्सकीय लाभ की जानकारी भी साझा की गई।
इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य आयुष समिति के कार्यपालक निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश, ओएसडी गुंजन सिंह, आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा समेत कई गणमान्य अधिकारी मौजूद थे।