Edited By Ramanjot, Updated: 29 Jul, 2025 09:09 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली जिले में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का विधिवत उद्घाटन किया। भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष के अधिष्ठापन समारोह में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की।
वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली जिले में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का विधिवत उद्घाटन किया। भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष के अधिष्ठापन समारोह में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। बौद्ध मंत्रोच्चार के बीच संपन्न यह कार्यक्रम बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण रहा।
मुख्य हॉल में आयोजित अधिष्ठापन समारोह में मुख्यमंत्री समेत 15 देशों के प्रमुख बौद्ध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान परम पावन दलाई लामा का विशेष संदेश भी पढ़ा गया।अधिष्ठापन के बाद मुख्यमंत्री ने बुद्ध प्रतिमा के समक्ष पूजा कर राज्य की सुख-शांति की कामना की और परिसर में बोधगया के पवित्र बोधिवृक्ष के पौधे का रोपण किया।

मुख्यमंत्री ने "मेकिंग ऑफ बुद्ध सम्यक संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप दीर्घा" का भी उद्घाटन किया, जहां उन्होंने भगवान बुद्ध के जीवन, उनके संदेश और यात्रा से जुड़ी कलाकृतियों का अवलोकन किया।
भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्मित इस संग्रहालय परिसर में सौर ऊर्जा से संचालित 500 किलोवाट क्षमता का पैनल, पुस्तकालय, एमपी थिएटर, गेस्ट हाउस, तालाब, पार्किंग और कैफेटेरिया जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह और संग्रहालय की आकृति भेंट की गई।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "यह न केवल बिहार बल्कि दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महान क्षण है। वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गरिमा को यह संग्रहालय और स्तूप नया आयाम देंगे।"
उन्होंने बताया कि 2010 में वैशाली के मड स्तूप में भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष पाए जाने के बाद ही इस स्मारक निर्माण का विचार आया था। उन्होंने यह भी कहा कि इन अवशेषों का जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी पुस्तक में भी किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा किए गए अन्य बौद्ध स्थलों के विकास की जानकारी दी—राजगीर, घोड़ा कटोरा, बोधगया, पटना का बुद्ध स्मृति पार्क, केसरिया, लौरिया नंदनगढ़, और पश्चिम चंपारण से कुशीनगर तक बुद्ध सर्किट का विस्तार किया गया है।

इस भव्य आयोजन में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जयंत राज, मोतीलाल प्रसाद समेत कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, बौद्ध भिक्षु, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।