Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jan, 2025 02:33 PM
सहकारिता विभाग की ओर से इसे सुनिश्चित करने के लिए पैक्स आदर्श कार्मिक नियमावली 2022 तैयार की गई है, जिसमें समितियों के कार्यशील पूंजी के आधार पर कार्मिको की नियुक्ति की व्यवस्था है। इस नियमावली के अनुसार, प्रत्येक पैक्स में एक प्रबन्धक की नियुक्ति...
Bihar News: बिहार के प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) में कर्मियों के वेतन, मानदेय एवं भत्ता भुगतान के लिए कमेटी का गठन किया गया है। पैक्सों में व्यवसाय विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की ओर से कई योजनाओं को शुरू किया गया है, जिससे पैक्सों को एक उन्नत ग्रामीण व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन सहकारी समितियों में व्यावसायिक विविधता तथा विस्तार के कुशल संचालन एवं प्रबन्धन के लिए योग्य कर्मियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
पैक्स आदर्श कार्मिक नियमावली 2022 तैयार
सहकारिता विभाग की ओर से इसे सुनिश्चित करने के लिए पैक्स आदर्श कार्मिक नियमावली 2022 तैयार की गई है, जिसमें समितियों के कार्यशील पूंजी के आधार पर कार्मिको की नियुक्ति की व्यवस्था है। इस नियमावली के अनुसार, प्रत्येक पैक्स में एक प्रबन्धक की नियुक्ति अनिवार्य है, जो कि समिति के प्रबंधन कार्य एवं अभिलेखों का संधारणकर्ता होगा, इसके अलावा एक लेखापाल तथा बहुउद्देश्यीय सहायक के नियुक्ति का भी प्रावधान है। सहकारी समितियों के अधिनियम एवं उपविधि के अनुसार इनके वेतन एवं भत्ता के भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित समिति की होती है किंतु इन समितियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इनके वेतन, मानदेय एवं भत्ता भुगतान में समस्या आती है परिणामस्वरूप कार्मिको की रुचि समिति के कार्य में नहीं होती है। सहकारिता विभाग ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए इनकी समस्या के हल के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने दिया निर्देश
बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कमेटी को अन्य राज्यों के सहकारी समितियों के कार्मिक नियमावली का अध्ययन करते हुए राज्य के सहकारी समिति अधिनियम-नियमावली के साथ सामंजस्य बनाकर कार्मिको के वेतन, मानदेय एवं भत्ता भुगतान की स्थायी व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यावसायिक संस्थान के सफल संचालन के लिए योग्य एवं समर्पित कर्मियों का होना जरूरी है, इसलिए यह आवश्यक है कि इन कर्मियों की आवश्यकता की पूर्ति संस्थान द्वारा की जाए। उनकी सेवा के बदले वेतन, मानदेय, भत्ता उनका अधिकार है, यदि सहकारी संस्थाओं को इसमें कठिनाई हो रही है तो नियन्त्रक विभाग का दायित्व है कि उनकी समस्या का समाधान करे। उन्होंने अविलम्ब कमिटी की बैठक कर इस समस्या के निदान पर संलेख तैयार करने का निर्देश दिया।