Pragati Yatra: CM नीतीश ने सीतामढ़ी एवं शिवहर में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में की समीक्षात्मक बैठक, दिए ये निर्देश

Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Dec, 2024 11:22 AM

cm nitish held a review meeting

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में संयुक्त समीक्षात्मक बैठक की। संयुक्त समीक्षात्मक बैठक में सीतामढ़ी जिला के...

पटना: प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में संयुक्त समीक्षात्मक बैठक की। संयुक्त समीक्षात्मक बैठक में सीतामढ़ी जिला के जिलाधिकारी रिची पांडेय ने सीतामढ़ी और शिवहर जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हम लोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।

"संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है। 1247 और कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है, जिसमें 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा चुकी है। शेष कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसको देखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटा किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। पहले बरसात के महीने में सीतामढ़ी राज्य से 4 महीने के लिए कट जाता था, सीतामढ़ी से पटना पहुंचने में काफी समय लगता था और काफी परेशानी होती थी लेकिन अब लोग आसानी से सीतामढ़ी से पटना पहुंच रहे हैं।

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"बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना, वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना, बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने जाते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।

"हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया"
सीएम ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। बिहार में 30 हजार की संख्या में महिला पुलिस है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हम लोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हम लोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

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नीतीश कुमार ने कहा कि अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है। हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।

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