Edited By Ramanjot, Updated: 14 Nov, 2024 02:31 PM
लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना बौद्ध वांग ने बताया कि तीन महीने के वर्षा काल के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान देने की परंपरा है। यह चीवरदान समारोह विभिन्न महाविहारों में एक महीने तक चलता है। इस दौरान धार्मिक पूजा-पाठ किया जाता है, साथ ही...
गया: भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि बोधगया स्थित लाओस मोनेस्ट्री के प्रांगण में कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विश्व के कई देशों के बौद्ध भिक्षु एवं श्रद्धालु शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ बौद्ध परंपरा के अनुसार, पूजा-पाठ के साथ शुरू किया गया। कई घंटे तक चले इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान दिया गया।
लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना बौद्ध वांग ने बताया कि तीन महीने के वर्षा काल के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान देने की परंपरा है। यह चीवरदान समारोह विभिन्न महाविहारों में एक महीने तक चलता है। इस दौरान धार्मिक पूजा-पाठ किया जाता है, साथ ही बौद्ध भिक्षुओं को चीवर दिया जाता है, जिसे धारण कर वे साधना और तप करते हैं।
आज लगभग 200 बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान दिया गया है, जिसमें लाओस, अमेरिका, कंबोडिया, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार सहित कई देशों के लोग शामिल हुए हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जो पहली बार बोधगया आए हैं। बोधगया आकर उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया है, जिससे उन्हें काफी खुशी भी महसूस हो रही है।