Edited By Ramanjot, Updated: 30 Aug, 2024 02:30 PM
मामला, कटिहार के बरारी प्रखंड के मोहनाचांदपुर इलाके का है। इस इलाके में सैलाब ने तबाही का मंजर फैला रखा हैं। आबादी वाले इलाकों में पानी घुस जाने से लोग जहां परेशान हैं। वहीं मवेशियों को बमुश्किल दो जून का खाना नसीब हो पाता हैं। मवेशी पालक जैसे तैसे...
कटिहारः कटिहार में बाढ़ बेजुबानों के लिए मुसीबत बन गई है। खेत खलिहानन एवं निचले इलाके में पानी जमा होने से जहां हरा चारा न के बराबर नसीब हो पा रहा है। वहीं सूखे चारे के आसमान छूते कीमतों ने मवेशी पालकों की कमर तोड़ डाली है। अब मवेशी पालक प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि प्रशासन मवेशी पालकों को सुखा चारा मुहैय्या करवाएं।
इलाकों में पानी घुस जाने से लोग परेशान
मामला, कटिहार के बरारी प्रखंड के मोहनाचांदपुर इलाके का है। इस इलाके में सैलाब ने तबाही का मंजर फैला रखा है। आबादी वाले इलाकों में पानी घुस जाने से लोग जहां परेशान हैं। वहीं मवेशियों को बमुश्किल दो जून का खाना नसीब हो पाता है। मवेशी पालक जैसे तैसे पशुओं को सड़क किनारे बांध जिंदगी बसर कर रहे हैं। अब मवेशी पालक प्रशासन से चारा की मांग कर रहे हैं ताकि किसी तरह मवेशियों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
सरकार हर साल बाढ़ आने के पूर्व कुछ होमवर्क करती हैं, जिसमें आम लोगों के मदद की कुछ बातों के अलावा मवेशियों के लिए सूखे चारे का इंतजाम भी किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत यह बयां करती हैं कि यह इंतजाम केवल सरकारी फाइलों पर होता हैं। प्रभावित क्षेत्रों के मवेशी पालकों को इसका फायदा छिटफुट कर सारी राशि को हजम कर लिया जाता हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि जिला प्रशासन इस पीड़ित मवेशी पालकों की नजर देगी।