बिहार: राज्य में बाढ़ प्रबंधन और जल संसाधन संरक्षण के लिए गेम चेंजर साबित होगा ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’

Edited By Ramanjot, Updated: 27 May, 2025 06:54 PM

gazetteer of water bodies bihar

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजस्व विभाग द्वारा प्रकाशित ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता पर चर्चा की गई।

पटना: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजस्व विभाग द्वारा प्रकाशित ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता पर चर्चा की गई। साथ ही इस बैठक में पूर्णिया और कोशी प्रमंडल के सभी जिलों( यथा- पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल तथा मधेपुरा) के जिला गजेटियरों की पांडुलिपि निर्माण की योजना पर भी चर्चा की गई। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह द्वारा मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा को अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा हाल ही में पटना तथा दरभंगा जिलों के गजेटियर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अभी पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल तथा मधेपुरा जिलों के गजेटियरों के निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट, नई दिल्ली का सहयोग लिया जा रहा है। जिला गजेटियर किसी भी जिले को आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक रूप से जानने का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, इसलिए इसके निर्माण हेतु राज्य स्तर पर एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है, जिसमें इतिहास, पर्यावरण, पुरातत्व विज्ञान, भूगोल इत्यादि सभी विषयों के सलाहकारों को रखा गया है।

अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी संबंधित समाहर्त्ताओं से कहा गया कि जिला स्तर पर भी ऐसी सलाहकार समितियों का गठन किया जाये ताकि जिलों के बारे में अध्ययन में आसानी हो सके। विभाग द्वारा सभी सात जिलों में टीम भेजी जायेगी जो संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर जानकारी इकट्ठा करेगी, इसके अलावा यह टीम जिलों के पुराने शिक्षाविदों, पत्रकारों तथा अन्य जानकार व्यक्तियों से मिलकर भी जानकारी इकट्ठा करेगी। इसकी प्रमाणिकता एवं सटीकता हेतु सरकारी अभिलेखों से तथ्यों का संकलन किया जायेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा एक साल के अंदर इन जिलों के गजेटियरों के प्रकाशन की योजना है।

PunjabKesari

विभाग द्वारा हाल ही में ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ पुस्तक का विमोचन किया गया है। इसकी उपयोगिता पर जानकारी देते हुये अपर मुख्य सचिव द्वारा मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि वर्ष 2020 से इस वाटर एटलस के निर्माण पर विभाग कार्यरत था। इससे राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सकेगा। साथ ही आर्द्रभूमि संरक्षण, विशेषतः बिहार की तीन रामसर साइट: कांवर झील (बेगूसराय), नागी झील (जमुई) और नकटी झील (जमुई) के संरक्षण तथा बाढ़ प्रबंधन में भी यह पुस्तक उपयोगी है। विभिन्न विभागों जैसे कि ग्रामीण विकास विभाग, पर्यटन, जल संसाधन विभाग, पर्यावरण विभाग इत्यादि के लिये भी यह पुस्तक उपयोगी साबित होगी। 

जल्द ही विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर के मानचित्रों का निर्माण कर जिलों को उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अलावा किसी विभाग या जिले से किसी खास प्रकार की जानकारी हेतु भी वाटर एटलस को संबंधित डेटा के साथ संशोधित कर उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा। 

मुख्य सचिव द्वारा इस एटलस की उपयोगिता बढ़ाने हेतु जरूरी सुझाव दिये गये, जिन्हें जल्द ही अमल में लाकर इस पुस्तक की उपयोगिता बढ़ायी जा सकेगी।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव, सचिव तथा विशेष सचिव के साथ विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव/निदेशक/संबंधित जिलों के जिलाधिकारी/अपर समाहर्त्ता (राजस्व) भी मौजूद रहे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Punjab Kings

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!