Edited By Swati Sharma, Updated: 24 Aug, 2025 06:04 PM

Patna News: नियमित अमीनों की वरीयता सूची तैयार करने की दिशा में कदम तेज कर दिए गए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव डॉ. महेन्द्र पाल ने इस संबंध में सभी समाहर्ताओं, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय, भू-अर्जन निदेशालय और चकबंदी निदेशालय के...
Patna News: नियमित अमीनों की वरीयता सूची तैयार करने की दिशा में कदम तेज कर दिए गए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव डॉ. महेन्द्र पाल ने इस संबंध में सभी समाहर्ताओं, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय, भू-अर्जन निदेशालय और चकबंदी निदेशालय के निदेशकों को पत्र भेजा है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि हाल ही में बिहार अमीन संवर्ग नियमावली, 2025 का गठन किया गया है। इसके प्रावधानों के तहत जिला, भू-अर्जन, चकबंदी एवं भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय में कार्यरत नियमित अमीनों का एकीकृत संवर्ग बनाया जाना है। साथ ही विभाग स्तर पर इनकी वरीयता सूची का संधारण भी किया जाना है। विभाग ने 6 अगस्त को ही सभी अधिकारियों से विहित प्रपत्र में आवश्यक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, किंतु अब तक यह सूचना प्राप्त नहीं हो पाई है। इस पर गंभीरता दिखाते हुए विभाग ने एक बार फिर सभी जिलों और निदेशालयों से तत्काल रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया है। अपर सचिव ने कहा है कि नियमित अमीनों से संबंधित प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराया जाए, ताकि वरीयता सूची का निर्धारण समय पर किया जा सके। उन्होंने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से निपटाने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
बिहार सरकार ने हाल ही में बिहार अमीन संवर्ग नियमावली, 2025 का गठन किया है।
इसके तहत जिला, भू-अर्जन, चकबंदी और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में कार्यरत सभी नियमित अमीनों को एकीकृत संवर्ग में शामिल किया जाएगा।
विभागीय स्तर पर इनकी वरीयता सूची तैयार करना जरूरी है।
क्यों अहम है यह सूची?
अमीनों की पदोन्नति और सेवा व्यवस्था इसी सूची पर आधारित होगी।
संवर्ग का एकीकरण होने से पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित होगी।