Edited By Ramanjot, Updated: 06 Jul, 2025 09:19 PM

पटना में मौजूद जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नए कलेवर के साथ भव्य स्वरूप में तैयार हो गया है। जब यहां के एयरपोर्ट का पुराना टर्मिनल भवन था, तो रोजाना 80 के करीब हवाई जहाजों की आवाजाही दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, लखनऊ समेत अन्य प्रमुख शहरों...
पटना: पटना में मौजूद जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नए कलेवर के साथ भव्य स्वरूप में तैयार हो गया है। जब यहां के एयरपोर्ट का पुराना टर्मिनल भवन था, तो रोजाना 80 के करीब हवाई जहाजों की आवाजाही दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, लखनऊ समेत अन्य प्रमुख शहरों के लिए होती थी। अब नए टर्मिनल भवन तैयार होने के बाद रोजाना आने-जाने वाले हवाई जहाजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है।
राज्य सरकार ने विमान परिचालन को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष जून में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई थी। इसके तहत वायुयानों में भरे जाने वाले एटीएफ (एयर टर्बाइन फ्यूल) पर लगने वाले वैट (वैल्यू एडड टैक्स) की दर में ऐतिहासिक कटौती करते हुए 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दी गई। इसका असर भी व्यापक स्तर पर दिखने लगा है। पिछले वर्ष की तुलना में यहां एटीएफ की बिक्री में 134 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
वाणिज्य कर विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जब एटीएफ पर वैट की दर 29 प्रतिशत थी, तब मई 2024 में पटना एयरपोर्ट से विमानन कंपनियों ने 2318.20 किलोलीटर एटीएफ की खरीद की थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मई में इसमें महज 44 फीसदी की सामान्य बढ़ोतरी दर्ज की गई और इसकी बिक्री का आंकड़ा 3337.98 किलो लीटर तक पहुंचा। वहीं, एटीएफ पर वैट की दर 4 प्रतिशत करने के बाद के आंकड़े देखें, तो पाएंगे कि जून 2024 में एटीएफ की बिक्री 2526.41 किलोलीटर हुई थी। नई दर लागू होते ही एटीएफ की बिक्री में 134 फीसदी की ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह 5920.38 किलोलीटर पर पहुंच गया है। आने वाले समय में इसमें अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के नए अत्याधुनिक टर्मिनल भवन का उद्घाटन विगत 30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। 1,200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह टर्मिनल 65,150 वर्ग मीटर में फैला है और सालाना एक करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता हैं। इसके साथ ही हवाई जहाजों के परिचालन की संख्या में कई गुणा की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके साथ ही हवाई जहाजों के परिचालन की संख्या में भी काफी इजाफा होगा। एटीएफ की दर में कटौती इसमें सबसे बड़ा प्रोत्साहन होगा।