Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jul, 2025 08:49 AM

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झटका देते हुए उनकी उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले में सीबीआई की FIR रद्द करने की याचिका पर जल्दी सुनवाई...
नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झटका देते हुए उनकी उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले में सीबीआई की FIR रद्द करने की याचिका पर जल्दी सुनवाई की मांग की थी।
जस्टिस रविंद्र डडेजा की अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त पहले ही तय है और यह कोई "बहुत लंबी अवधि" नहीं मानी जा सकती, इसलिए पहले सुनवाई करने की मांग खारिज की जाती है।
याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका है असहमति
लालू यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि निचली अदालत में 26 जुलाई से 2 अगस्त तक आरोप तय करने को लेकर बहस होनी है। ऐसे में हाई कोर्ट अगर 12 अगस्त को सुनवाई करेगा तो याचिका का मकसद ही खत्म हो जाएगा।
हालांकि, अदालत ने साफ कहा कि निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह पहले ही 29 मई 2025 को खारिज किया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने भी उस फैसले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
क्या है रेलवे नौकरी के बदले जमीन का मामला?
यह मामला उस अवधि का है जब लालू यादव वर्ष 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। आरोप है कि रेलवे की ग्रुप-डी भर्तियों के बदले उम्मीदवारों ने या तो लालू यादव के परिजनों या उनके सहयोगियों के नाम पर जमीन दान की।
यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य रेलवे जोन से जुड़ा हुआ है।
लालू यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई की FIR को चुनौती दी है और इसके साथ 2022, 2023 और 2024 में दाखिल तीन चार्जशीट तथा संज्ञान आदेशों को भी रद्द करने की मांग की है।