विधानसभा चुनाव से पहले शराब तस्करों पर शिकंजा, बिहार पुलिस का बड़ा एक्शन प्लान

Edited By Ramanjot, Updated: 29 Jul, 2025 07:31 PM

bihar police action against liquor mafia

इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार पुलिस खासकर मद्य निषेध इकाई ने तैयारी तेज कर दी है।

पटना:इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार पुलिस खासकर मद्य निषेध इकाई ने तैयारी तेज कर दी है। अवैध शराब की सीमापार तस्करी से जुड़े मामलों पर शिकंजा कसने और इसमें शामिल तस्करों पर कार्रवाई के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए राज्य की सीमा से सटने वाले बिहार के 23 सीमावर्ती जिलों में 390 चेक पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं। अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों में भी 161 चेक पोस्ट स्थापित करने के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। यह जानकारी एडीजी (मद्य निषेध) अमित कुमार जैन ने दी। पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

एडीजी ने कहा कि बिहार में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से विदेश शराब तस्करी होकर आ रही है। इन राज्यों के पुलिस महानिदेशक एवं उत्पाद आयुक्त से अपेक्षित कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा गया है। इन राज्यों से तस्करी करके लाई गई शराब की जब्त खेपों की बैच नंबर और क्यूआर कोड के आधार पर दोषी रिटेलर या होलसेलर को चिन्हित किया गया है।

दूसरे राज्यों के 305 अभियुक्तों को किया गया चिन्हित राज्य में मद्यनिषेध से जुड़े मामलों में अन्य राज्यों के 305 तस्करों या विभिन्न मामलों में अभियुक्तों को चिन्हित किया गया है। यह सूची संबंधित राज्यों से भी साझा किया जा रहा है। ताकि इन पर सख्त कार्रवाई की जा सके। वहीं, शराब के अवैध कारोबार से कमाई करने वाले 240 लोगों को बीएनएसएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 107 के तहत कार्रवाई की गई है। 

इसमें 76 लोगों के खिलाफ प्रस्ताव कोर्ट में समर्पित किए गए हैं। शेष के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसके अलावा इस वर्ष जून तक 8 हजार 546 आरोपियों के नाम गुंडा पंजी में दर्ज किए गए हैं। ये लोग शराब की तस्करी या इसके अवैध व्यापार में शामिल हैं। 1 हजार 394 लोगों की पहचान नियमित पीने वालों और 1344 लोगों को जिला बदर किया गया है। शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से अप्रैल 2016 से जून 2025 तक पुलिस ने राज्य के बाहर के 13 हजार 921 शराब कारोबारियों को बिहार में गिरफ्तार किया है।

प्रति महीने 75 हजार लीटर शराब हो रही बरामद

मद्यनिषेध इकाई के स्तर से 10 विशेष अभियान दल का गठन कर निरंतर छापेमारी की जा रही है। इसके जरिए इस वर्ष जुलाई तक 5 लाख 22 हजार 96 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है। विशेष अभियान दल प्रति महीने औसतन 75 हजार लीटर शराब बरामद की जा रही है। 2024 में औसतन प्रति महीने 67 हजार लीटर शराब की बरामदगी होती थी। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह दर्शाता है कि अवैध शराब के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की मुहिम जारी है। विशेष दल ने राज्य के बाहर जाकर 19 ऑपरेशन किए हैं। इसमें झारखंड में 7, उत्तर प्रदेश में 10 और छत्तीसगढ़ में दो शामिल हैं।

9 को मिल चुकी मौत की सजा

शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के मामले में 9 आरोपियों को मौत की सजा भी सुनाई जा चुकी है। जबकि 18 को आजीवन कारावास, 10 वर्ष से अधिक की सजा 222, 2 से 10 वर्ष तक की सजा 935 तथा 2 वर्ष से कम की सजा 621 आरोपियों को सुनाई जा चुकी है। शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद अप्रैल 2016 से 3 जुलाई 2025 तक 5 लाख 36 हजार 921 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसकी सभी धाराओं में 6 लाख 40 हजार 379 लोगों को अलग-अलग श्रेणी में सजा सुनाई गई है।

2 करोड़ 68 लाख से अधिक शराब की गई बरामद

अप्रैल 2016 से जून 2025 तक राज्य में 2 करोड़ 68 लाख 96 हजार 955 लीटर अवैध शराब जब्त की जा चुकी है। इसमें देशी शराब 1 करोड़ 1 लाख 6 हजार 24 लीटर तथा विदेशी शराब 1 करोड़ 67 लाख 90 हजार 931 लीटर है। अब तक बरामद कुल बरामद शराब में 97 फीसदी को नष्ट किया जा चुका है।

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