मुजफ्फरपुर: फर्जी नंबर प्लेट वाली स्कॉर्पियो से छापेमारी कर रहे थे थानाध्यक्ष, 1 साल बाद हुआ भंडाफोड़!

Edited By Ramanjot, Updated: 13 Apr, 2025 08:56 PM

muzaffarpur scorpio fake number

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब कलेक्ट्रेट के पास एक स्कॉर्पियो पर फर्जी नंबर प्लेट लगी होने का मामला सामने आया।

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब कलेक्ट्रेट के पास एक स्कॉर्पियो पर फर्जी नंबर प्लेट लगी होने का मामला सामने आया। यह गाड़ी मनियारी थाना की ALTF विंग द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी और शराब माफियाओं पर कार्रवाई के लिए प्रयोग में लाई जाती थी।

हंगामा तब हुआ जब असली नंबर की स्कॉर्पियो के मालिक ने अपनी गाड़ी का नंबर किसी दूसरी स्कॉर्पियो पर देखा, जो SSP ऑफिस के सामने खड़ी थी। जब उन्होंने गाड़ी के अंदर देखा, तो पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति बैठा था, जो कोई और नहीं बल्कि मनियारी थाना अध्यक्ष देवव्रत कुमार निकले।

मौके पर भिड़े दोनों गाड़ियों के चालक, जुटी भारी भीड़

गाड़ी के नंबर को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि वहां पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। दोनों चालकों में मारपीट की नौबत आ गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों गाड़ियों को कब्जे में लेकर थाने भेज दिया।

असली मालिक ने बताई पूरी बात

गाड़ी के असली मालिक मोहम्मद सनाउल्लाह ने बताया कि वह अपनी स्कॉर्पियो से निजी कार्य के लिए मुजफ्फरपुर आए थे। SSP कार्यालय के पास गाड़ी खड़ी कर काम पर गए थे। तभी उनके ड्राइवर ने फोन कर बताया कि सेम नंबर प्लेट वाली एक और स्कॉर्पियो वहां से गुजरी है।

दोनों गाड़ियों में सिर्फ एक अंक का अंतर

जांच में सामने आया कि मनियारी थाना में चल रही स्कॉर्पियो ट्रैवल एजेंसी से हायर की गई है, जिसका पंजीकरण संख्या BR06PE-4739 है, जबकि असली मालिक की गाड़ी का नंबर BR06PD-4739 है। यानि सिर्फ एक अक्षर का फर्क है। ट्रैवल एजेंसी संचालक विवेक राज ने इसे मानवीय भूल बताते हुए गलती मानी है।

UP से भी आया चालान, कभी मनियारी नहीं गई थी असली स्कॉर्पियो

मोहम्मद रिजवान, जो असली गाड़ी के मालिक के भाई हैं, ने बताया कि उनकी गाड़ी कभी मनियारी नहीं गई। इसके बावजूद मनियारी के टोल पर टैक्स कट गया था और यूपी से भी कई चालान आ चुके हैं। इससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है।

थाना अध्यक्ष बोले—गाड़ी का नंबर मुझे नहीं था पता

मनियारी थाना अध्यक्ष देवव्रत कुमार ने सफाई दी कि गाड़ी कोर्ट के काम के लिए लाई गई थी और उसे ट्रांसपोर्ट एजेंसी से किराये पर लिया गया था। नंबर प्लेट की जानकारी उन्हें नहीं थी।

2800 रुपये का फाइन भरने को तैयार, लेकिन मामला दर्ज कराने पर अड़े मालिक

ट्रैवल एजेंसी संचालक ने कहा कि वह 2800 रुपये का फाइन भरने को तैयार हैं और पुलिस को कई सालों से गाड़ियां उपलब्ध कराते आ रहे हैं। हालांकि, असली मालिक केस दर्ज कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।

जांच में जुटी पुलिस, आगे की कार्रवाई की तैयारी

नगर थानाध्यक्ष सरत कुमार ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


 

Trending Topics

IPL
Punjab Kings

Kolkata Knight Riders

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!