Edited By Nitika, Updated: 18 Jun, 2024 10:22 AM
![nirjala ekadashi 2024 by observing ekadashi fast dedicated to lord vishnu](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_10_10_5854944444-ll.jpg)
पटनाः निर्जला एकादशी व्रत जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं...
पटनाः निर्जला एकादशी व्रत जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं स्त्री और पुरुष सभी लोग निर्जला एकादशी व्रत करते हैं।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/10_17_444556749103914582.jpg)
बता दें कि आज यानी 18 जून को निर्जला एकादशी है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इसके लिए प्रातः काल से श्रद्धालु लक्ष्मी नारायण जी की आराधना कर रहे हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखते हैं। यह भी कहा जाता है कि जाने अनजाने में किए गए समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
वहीं द्वापर युग में बाहुबली भीम ने भी निर्जला एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की थी। इसके लिए निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। निर्जला एकादशी के व्रत के पुण्य प्रभाव से अंत में भीम बैकुंठ धाम चले गए थे। निर्जला एकादशी व्रत के दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मानव को शारीरिक व आत्मिक बल मिलता है।