CM नीतीश ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Edited By Swati Sharma, Updated: 12 Jan, 2025 06:52 PM

nitish held a review meeting on the ongoing developmental schemes in madhubani

प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में मधुबनी जिला के जिलाधिकारी...

पटना: प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में मधुबनी जिला के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने मधुबनी जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

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इस दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना भत्ता, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज/परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हम लोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हम लोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और 1247 कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें 746 कब्रिस्तानों का काम लगभग पूरा हो गया है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हम लोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसको देखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों।

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'बिहार में विकास का काम हम लोग करा रहे'
मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हम लोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना चलायी गयी। बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं, यह दृश्य काफी अच्छा लगता है।

 

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