मनरेगा के तहत अब 10 लाख तक योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे ग्राम प्रधान, प्रशासनिक स्वीकृति की नहीं होगी आवश्यकता

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Jun, 2025 06:10 PM

now gram pradhan will be able to approve schemes up to 10 lakhs under mnrega

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के भत्ते और अन्य लाभों में भी पर्याप्त वृद्धि की घोषणा की। ग्राम प्रधानों को 10 लाख रुपये तक की मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति का...

पटना: बिहार सरकार ने गुरुवार को घोषणा की है कि मुखिया (ग्राम प्रधान) अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 10 लाख रुपए तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे और इसके लिए उन्हें किसी प्रशासनिक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। अब तक मुखिया मनरेगा योजना के तहत पांच लाख रुपए तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकते थे। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के भत्ते और अन्य लाभों में भी पर्याप्त वृद्धि की घोषणा की। ग्राम प्रधानों को 10 लाख रुपये तक की मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति का अधिकार देने, पंचायती राज संस्थाओं के तहत काम करने वाले राज्य भर के जिला परिषद (जेडपी) अध्यक्ष, जेडपी उपाध्यक्ष, पंचायत प्रमुख, सरपंच और पंचायत सदस्यों और वार्ड सदस्यों के भत्ते बढ़ाने का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में लिया गया। 

जिला परिषद अध्यक्ष का मासिक भत्ता बढ़कर 30,000 रुपए
सरकार के निर्णय के अनुसार, जिला परिषद अध्यक्ष का मासिक भत्ता 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है, जबकि जिला परिषद उपाध्यक्ष का मासिक भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये और मुखिया का मासिक भत्ता 5,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है। पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री द्वारा आज पंचायती राज विभाग से संबंधित की गई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं में पंचायत प्रतिनिधि की कार्यकाल के दौरान सामान्य स्थितियों में मृत्यु पर भी पांच लाख रुपये का अनुदान दिये जाने की घोषणा शामिल है।'' अभी तक केवल दुर्घटना में मौत पर ही परिजनों को अनुदान दिए जाने की व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि साथ ही, यदि पंचायत प्रतिनिधि किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं/उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। 

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने लक्ष्य रखा है कि इस वर्ष होने वाले चुनाव से पहले राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनकर तैयार हो जाएं। इसके लिए राज्य सरकार ने शेष 1,069 नये पंचायत भवनों को भी मंजूरी दे दी है।'' बिहार में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

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