Edited By Harman, Updated: 31 May, 2025 01:50 PM

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन और पेंशन के भुगतान के लिये चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1094.091 करोड़ रुपये की सहायक अनुदान राशि स्वीकृत की...
Bihar Teacher News: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन और पेंशन के भुगतान के लिये चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1094.091 करोड़ रुपये की सहायक अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
सम्राट चौधरी ने शनिवार को यहां कहा कि इस सहायक अनुदान राशि में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों को वेतन मद में 460.85 करोड़ रुपये तथा गैर-वेतन मद में 633.241 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुदान मार्च 2025 से मई 2025 तक की अवधि के लिए है। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस राशि की गणना विश्वविद्यालयों से प्राप्त आय-व्यय प्राक्कलन, स्वीकृत एवं कार्यरत बल तथा 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता को ध्यान में रखकर की गई है। यह निर्णय विश्वविद्यालयों के आंतरिक संसाधनों की समीक्षा कर पूरी पारदर्शिता के साथ लिया है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से बिहार के 13 परंपरागत विश्वविद्यालय में कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मियों को लाभ होगा। इन विश्वविद्यालयों में पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, नालंदा ओपन विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय और पूर्णिया विश्वविद्यालय शामिल हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल विश्वविदयालयों को वित्तीय राहत नहीं है बल्कि बिहार सरकार की उच्च शिक्षा के प्रतिबद्धता का प्रमाण है। शिक्षकों और कर्मचारियों को समय पर भुगतान होने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि शैक्षणिक वातावरण सकारात्मक होगा। उन्होंने बताया कि यह अनुदान मार्च 2025 से मई 2025 तक की अवधि के लिए शिक्षकों और कर्मियों के वेतन, बकाया वेतन, पेंशन, सेवान्त लाभ, उपादान, अर्जित अवकाश नकदीकरण, चिकित्सा भत्ता भुगतान के लिए स्वीकृत किया गया है।