Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jun, 2025 08:30 PM

बारिश के मौसम में राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों को जल-जमाव से स्थाई मुक्ति दिलाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फूलप्रूव इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
पटना:बारिश के मौसम में राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों को जल-जमाव से स्थाई मुक्ति दिलाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फूलप्रूव इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। राजधानी पटना के कुल नौ ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों (डीएसपी) को गांधी मैदान स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) से जोड़ दिया गया है। इन सभी नौ पंपिंग स्टेशनो में वाटर लेवल सेंसर, तापमान और वाइब्रेशन सेंसर स्थापित करने के साथ-साथ पूरे सिस्टम को आईसीसीसी से जोड़ा गया है। ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के स्वचालित होने से किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति जैसे पानी का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर जाना या पंप की विफलता का अलर्ट कंट्रोल रूम को प्राप्त हो रहा है। इतना ही नहीं, यह प्रणाली पंपों के संचालन को स्वचालित रूप से नियंत्रित करती है, ताकि जलस्तर को निर्धारित सीमा में ही बनाए रखा जाए।
बता दें कि यह पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य के शहरी क्षेत्रों के विकास को तीव्रता प्रदान करने के लिए पिछले वर्ष जुलाई में मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना कार्यान्वित की गई है। इसके अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास जैसे जल-निकासी की व्यवस्था, सड़कों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार, पार्कों का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है। इस परियोजना के तहत राजधानी पटना के कुल नौ ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों को आईसीसीसी से जोड़ा गया है। इस पर सरकार ने कुल सात करोड़, 80 लाख रुपये खर्च किए हैं।
इसकी विशेषता यह है कि सभी पंपिंग स्टेशनों में वाटर लेवल सेंसर लगाए गए हैं। जिससे पानी के स्तर की रियल टाइम निगरानी शुरू कर दी गई है। इन सेंसरों के माध्यम से पानी के स्तर को नियंत्रित किया जा रहा है। ताकि ड्रेनेज पंपिंग सिस्टम को सही समय पर चालू किया जा सके और जल-जमाव की समस्या से राजधानी पटना को स्थाई निजात मिल सके। इसके लिए संप और स्क्रीन के ऊपर कैमरे लगाए गए हैं। यह कंट्रोल रूम तीनों पालियों में (24X7) काम कर रहा है।
जलस्तर की निगरानी के लिए यह प्रणाली स्वचालित अलर्ट भेजती है। यदि पानी का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर चला जाता है तो मोबाइल फोन पर अलर्ट भेजने की भी व्यवस्था है। जिससे तकनीकी टीम को तुरंत सूचित किया जा सके और ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों की त्वरित और प्रभावकारी कार्रवाई शुरू हो सके।
राजधानी के इन ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों पर काम कर रहा वाटर लेवल सेंसर
सैदपुर पंपिंग स्टेशन, योगीपूर पंपिंग स्टेशन, योगीपुर एनबीसीसी स्टेशन, ईको पार्क-1 पंपिंग स्टेशन, ईको पार्क-2 पंपिंग स्टेशन, ईको पार्क-3 पंपिंग स्टेशन, पहाड़ी न्यू पंपिंग स्टेशन, पहाड़ी ओल्ड पंपिंग स्टेशन और पहाड़ी एनबीसीसी पंपिंग स्टेशन।