"हरियाली से समृद्धि की ओर बिहार: 2028 तक 17% ग्रीन कवर के लक्ष्य के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ नई मुहिम"

Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jun, 2025 08:21 PM

plastic pollution awareness campaign bihar

बिहार में हरित आवरण क्षेत्र में वृद्धि के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान में 12.55 प्रतिशत वन क्षेत्र और 15.05 प्रतिशत हरित क्षेत्र है।

पटना:बिहार में हरित आवरण क्षेत्र में वृद्धि के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान में 12.55 प्रतिशत वन क्षेत्र और 15.05 प्रतिशत हरित क्षेत्र है। अब हरित आवरण को 2028 तक 17 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह बातें विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कही। यह कार्यक्रम पटना के ज्ञान भवन में गुरुवार को भी आयोजित किया गया था। मंत्री ने सभी को पर्यावरण संरक्षण की सलाह देते हुए कहा कि इसे जीवन से दूर रखें।

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प्लास्टिक प्रदूषण से बचाव और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस कार्यक्रम का थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ रखा गया था। यहां विभागीय मंत्री ने प्लास्टिक के खतरे के प्रति लोगों को आगाह करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक को आम जिंदगी से दूर करना बेहद ही जरूरी है। उन्होंने हरियाली मिशन और वानिकी किसान योजना का भी जिक्र किया और कहा कि बिहार को इनका लाभ मिल रहा है। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री पौधशाला योजना लाकर जीविका दीदियों के माध्यम से पूरे राज्य में नर्सरी खोली गई। 

कृषि रोडमैप के तहत वानिकी किसान योजना की भी शुरुआत हुई। इसके अंतर्गत किसान अपनी रैयती जमीन पर पौधे लगा सकते हैं। फिलहाल इस योजना का काफी बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही जल संरक्षण के लिए तालाबों को संरक्षित करने का भी उपाय किया गया है, जिसके परिणामस्वरुप जलस्तर में वृद्धि हुई है।

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    प्लास्टिक पर कम करनी होगी निर्भरता

    विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को साझा प्रयास करना होगा क्योंकि पराली कहीं और जलती है और उसका दुष्प्रभाव कहीं और दिखता है। रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग की जाने वाली 99 फीसदी वस्तुएं प्लास्टिक से बनी हैं। टूथब्रश से लेकर पेन तक सभी प्लास्टिक की हैं लिहाजा इसपर निर्भरता कम करनी होगी। उन्होंने कोरोनाकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रकृति को सबसे अधिक परेशानी हम मानव जाति से ही है।

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    बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने प्लास्टिक यूज को बेहद खतरनाक बताया और कहा कि प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल बंद करना होगा।  

    पर्यावरण संरक्षण को लेकर इन्हें मिला पुरस्कार

    इस कार्यक्रम में मुंगेर के वासुदेवपुर में स्थापित आईटीसी लिमिटेड को उत्कृष्ट प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही संतोष कुमार सुमन (जमुई), अतुल गुंजन, मनोज कुमार (प. चंपारण) और शिवबंधु दूबे (सिमरी, बक्सर) को ‘पर्यावरण हितैषी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। 
         
    क्विज प्रतियोगिता में सफल हुए प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया। संत कैरेंस हाई स्कूल गोला रोड पटना के छात्र अंबर सिन्हा और ईशान भूषण को प्रथम पुरस्कार मिला। वहीं, डॉन बॉस्को एकेडमी पटना के अर्णव प्रकाश और मानस वैभव को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता और स्थल चित्रकारी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

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