Edited By Ramanjot, Updated: 28 Nov, 2021 10:34 AM
सुशील मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 29 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लेने का विधेयक पेश करने के सरकार के निर्णय के बाद उसी दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का किसान संगठनों का फैसला एक स्वागत...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने ट्रैक्टर मार्च स्थगित करने के फैसले को संवाद बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भरोसा रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते उनका अहित नहीं होगा।
सुशील मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 29 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लेने का विधेयक पेश करने के सरकार के निर्णय के बाद उसी दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का किसान संगठनों का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है। इससे सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच बेहतर संवाद होने से कई मुद्दों का समाधान करने में मदद मिलेगी।
भाजपा सांसद ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने जैसे मुद्दों पर विशेषज्ञों की समिति बनाने की घोषणा हुई है। इसमें किसानों के प्रतिनिधि भी होंगे। किसान संगठनों को विपक्ष के बहकावे में न आकर टकराव का रास्ता छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भरोसा मजबूत करना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते कभी उनका अहित नहीं होगा।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ही किसानों के हित में सबसे ज्यादा फैसले लिए। कृषि बजट में कई गुना वृद्धि करना, नीम लेपित यूरिया से उर्वरक की कालाबाजारी खत्म करना, कई प्रमुख फसलों की एमएसपी में डेढ़ गुना तक वृद्धि, गेहूं की रिकार्ड खरीद और बिना बिचौलिए के किसानों के खाते में सालाना छह हजार रुपए डालने की किसान सम्मान निधि योजना लागू करना ऐसे कई कदम हैं, जो अब तक किसी सरकार ने नहीं उठाए।