Edited By Ramanjot, Updated: 24 Jul, 2025 07:20 PM

भारत में पहली बार, एक पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) अपने आवेदकों के पासपोर्ट सेवा के अनुभव को कलात्मक अनुभव प्रदान करके और भी बेहतर बना रहा है।
पटना:भारत में पहली बार, एक पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) अपने आवेदकों के पासपोर्ट सेवा के अनुभव को कलात्मक अनुभव प्रदान करके और भी बेहतर बना रहा है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के अंतर्गत पटना स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पाटलिपुत्र और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय (दोनों कार्यालय विदेश मंत्रालय के अंतर्गत हैं) के सहयोग से - प्रतिदिन आने वाले लगभग 1500 पासपोर्ट आवेदकों के लिए PSK परिसर में अपनी कला का प्रदर्शन करने हेतु कलाकारों का स्वागत करने के लिए अपने द्वार खोल रहा है।
इस श्रृंखला की पहली प्रदर्शनी बिहार के लोक चित्रों की प्रदर्शनी है जिसका शीर्षक 'सह-लोका' है। प्रदर्शित कलाकृतियों को आईसीसीआर, क्षेत्रीय कार्यालय पटना के क्षितिज श्रृंखला कार्यक्रम के तत्वावधान में सुनील कुमार और फोकार्टोपीडिया फाउंडेशन की उनकी टीम द्वारा बनाया गया है और इसे 25 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि शांति देवी, मधुबनी चित्रकला हेतु पद्मश्री से सम्मानित; और विशिष्ट अतिथि कर्नल राहुल शर्मा, निदेशक, निफ्ट पटना, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी एवं आईसीसीआर की क्षेत्रीय निदेशक स्वधा रिज़वी और बिहार के प्रतिष्ठित कलाकारों की उपस्थिति में करेंगी। हालाँकि यह प्रदर्शनी केवल वैध अपॉइंटमेंट वाले पासपोर्ट आवेदकों के लिए ही है, परंतु कम से कम एक दिन पहले sunilkumar@folkartopedia.com या rpo.patna@mea.gov.in पर लिखकर अनुरोध करने पर आने की सुविधा दी जा सकती है।
'सह-लोका' चित्रकला प्रदर्शनी बिहार की लोक कला परंपराओं की साझी संस्कृति की सराहना करने का एक प्रयास है। रूप और विषयवस्तु में, सह-लोका, मिथिला कला, गोदना कला, मंजूषा कला और टिकुली कला के चित्रों के माध्यम से लोक समाज में गुथी आंतरिक भावनाओं के शाश्वत सत्य को उजागर करती है, जो उनकी भावनाओं की प्रतीकात्मकता और अभिव्यक्ति का चित्रण हैं। इन चित्रों में लोक समाज को दर्शकों के समक्ष इनमें विद्मान तत्वों के साथ प्रस्तुत किया गया है ताकि वे उनसे परिचित हो सकें और उनके साथ भाव-विभोर हो सकें।
पारंपरिक कलात्मक शैली में प्रस्तुति की नवीनता और विषयगत समकालीनता के उत्साह से परिपूर्ण, 'सह-लोका' बिहार के वरिष्ठ और युवा लोक कलाकारों को समाहित करता है। इसमें भाग लेने वाले 9 कलाकार पासपोर्ट सेवाओं के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र आने वाले बिहार के लोगों को गोदना, मंजूषा, मधुबनी और टिकुली चित्रकला का कलात्मक प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे (कलाकारों की सूची अनुलग्नक- I पर उपलब्ध है)।
(अनुलग्नक-I)
पीएसके पाटलिपुत्र, पटना में लोक कला प्रदर्शनी 'साहा-लोक' में भाग लेने वाले कलाकारों की सूची
क्र. सं |
कलाकार का नाम |
पेंटिंग |
01 |
श्रीमती शांति देवी |
पद्म श्री मिथिला पेंटिंग |
02 |
श्री. शिवन पसावन |
पद्म श्री मिथिला पेंटिंग |
03 |
श्रीमती दुलारी देवी |
पद्म श्री मिथिला पेंटिंग |
04 |
श्री अशोक क्र. बिस्वास |
पदम श्री टिकुली पेंटिंग |
05 |
श्रीमती -उर्मिला देवी |
गोदना पेंटिंग नेशनल मेरिट |
06 |
मनोज पंडित |
मंजूषा पेंटिंग |
07 |
पवन सगेर |
मंजूषा पेंटिंग |
08 |
खुशबू कुमारी |
टिकुली पेंटिंग |
09 |
श्री शुभम् कुमार |
टिकुली पेंटिंग |